अमेरिका ने रूस को दी चेतावनी, सिर्फ बमबारी सीरिया समस्या का हल नहीं

वाशिंगटन। सीरिया के मुद्दे पर अमेरिका और रूस एक-दूसरे के आमने-सामने हैं। गुरुवार को आखिरी प्रेसिडेंशियल डिबेट में ट्रंप और हिलेरी क्लिंटन के बीच इस मुद्दे पर जोरदार बहस हुई। ट्रंप ने कहा कि इसमें शक नहीं है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद खतरनाक शख्स हैं, लेकिन ओबामा भी उनसे कम नहीं हैं।john-kerry-warns-russia

ट्रंप के इस बयान के बाद हिलेरी ने कहा कि सीरिया संकट से निपटने के लिए अमेरिकी सरकार बेहतर काम कर रही है। रूस को इस सच्चाई को समझना होगा कि असद सीरियाई नागरिकों की अपेक्षा पर खरा उतरने में नाकाम रहे हैं। इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि अलेप्पो पर नियंत्रण हासिल करने मात्र से सीरिया की समस्या खत्म नहीं होगी।

जॉन केरी ने कहा कि अलेप्पो पर आप एक तरफ नियंत्रण स्थापित करेंगे, वहीं दूसरी तरफ कट्टरपंथी ताकतें सिर उठाएंगी। रूस जिस तरह से अलेप्पो पर हवाइ हमले कर रहा है, वो एक बड़ी भूल है। जेनेवा में रूस, सीरिया के पड़ोसी मुल्कों के अधिकारियों से बातचीत में केरी ने कहा कि रूस का ये कहना है कि वो आतंकी संगठनों (अल कायदा) के खिलाफ लड़ाई में बसर अल असद का साथ दे रहा है। लेकिन अमेरिका सीरिया में विद्रोही संगठनों को मदद दे रहा है। लेकिन ये एक ऐसा बयान है जो तथ्यों से परे है।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि सच तो ये है कि रूस द्वारा हर एक बम गिराए जाने के बाद सीरिया में कट्टरपंथी ताकतों में उभार हो रहा है। रूस और असद अलेप्पो शहर पर नियंत्रण स्थापित कर सकते हैं। लेकिन हकीकत में बुनियादी समस्यायें ज्यों की त्यों बनी रहेंगी। सीरिया की समस्या का समाधान सिर्फ बातचीत के रास्ते ही सुलझ सकती है। इस सच्चाई को असद के साथ-साथ रूस को समझना होगा। रूस और असद को अपनी मनमानी छोड़कर सीरिया के सभी समूहों को एक साथ लेकर वार्ता करनी होगी। बातचीत से ही हम सीरिया में गृहयुद्ध को काबू में कर सकते हैं।

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