स्नैपडील के फाउंडर्स नहीं लेंगे सैलरी, 600 लोगों निकाल सकती है कंपनी

देश की तीसरी सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी स्‍नैपडील 600 लोगों की छंटनी कर सकती है। कंपनी का टारगेट दो साल में प्रॉफिटेबल बनना है। छंटनी ई-कॉमर्स, लॉजि‍स्‍टि‍क्‍स और पेमेंट्स ऑपरेशन्स से होगी। इतना ही नहीं, स्‍नैपडील के फाउंडर्स ने भी कोई सैलरी नहीं लेने का फैसला लि‍या है। कंपनी के को-फांउडर रोहि‍त बंसल ने ई-मेल के जरि‍ए कर्मचारि‍यों को यह जानकारी दी।   स्नैपडील के फाउंडर्स नहीं लेंगे सैलरी, 600 लोगों निकाल सकती है कंपनी
सोर्सेस के मुताबि‍क, कंपनी ने इसकी प्रॉसेस पि‍छले हफ्ते शुरू कर दी है। छंटनी सभी लेवल पर होगी और इसे अगले कुछ दि‍न में पूरा कि‍या जाएगा। स्‍नैपडील में 8,000 कर्मचारी हैं।  
-रोहि‍त बंसल ने ई-मेल में कहा गया कि‍ हमारा मानना है कि कंपनी को प्रॉफि‍टेबल ग्रोथ की ओर ले जाने के लि‍ए काम करना चाहि‍ए।
-‍इस ऐलान के साथ मैं और रोहि‍त दोनों 100 फीसदी की सैलरी में कट कर रहे हैं।  
-यह भी कहा गया कि‍ हमारे कई लीडर्स ने प्रोएक्‍टि‍व कदम उठाए हैं और अपनी सैलरी में कटौती करने का ऑफर दि‍या है।

-यह इस बात को दर्शाता है कि‍ टीम प्रॉफि‍टेबल होना चाहती है।

– स्‍नैपडील के स्‍पोक्‍सपर्सन ने कहा कि‍ दो साल में देश की पहली प्रॉफिट कमाने वाली ई-कॉमर्स कंपनी बनने की राह में यह हमारा अहम कदम है।
– हम अपने सभी तरह के बि‍जनेस में एफि‍शि‍येन्‍सी को बनाए रखना चाहते हैं, ताकि‍ कंज्‍यूमर्स और सेलर्स को वैल्यू प्रोडक्‍ट और सर्वि‍सेस दी जा सकें।
– उन्‍होंने यह भी कहा कि‍ हम अपने रि‍सोर्सेस और टीम को संगठि‍त कर रहे हैं, ताकि‍ हाई क्‍वालि‍टी बि‍जनेस ग्रोथ के अपने मकसद को पूरा कि‍या सके।
 
– स्‍नैपडील ने अपने ऑपरेशन्स को बढ़ाने के लि‍ए पहले से कई कदम उठाए हैं।
– इसकी वजह से डि‍लि‍वरी कॉस्‍ट 35 फीसदी कम हो गई और कंपनी की फि‍क्‍स्‍ड कॉस्‍ट 25 फीसदी घटी।
– कंपनी को उम्‍मीद है कि‍ इस फाइनेंशि‍यल ईयर में स्‍नैपडील का नेट रेवेन्‍यू 3.5 गुना बढ़ सकता है।  
 
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– स्‍पोक्‍सपर्सन ने कहा कि‍ दो साल के भीतर स्‍नैपडील भारत में पहली ऐसी ई-कॉमर्स कंपनी होगी, जो प्रॉफि‍टेबल होगी।
– कंपनी को उम्‍मीद है कि‍ उसका लॉजि‍स्‍टि‍क वेंचर वूलकन एक्‍सप्रेस इस साल के बीच तक प्रॉफि‍टेबल हो जाएगा।
– बता दें कि स्‍नैपडील को अमेजन और फ्लि‍पकार्ट से कड़ी टक्‍कर मि‍ल रही है। उसे कैपि‍टल जुटाने में मुश्कि‍लों का सामना करना पड़ रहा है।
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