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सुरक्षित सेक्स के लिए वैसे तो कई किस्म के प्रटेक्शन मौजूद हैं, जो यौन संक्रामक रोग के अलावा अनचाहे गर्भ से बचाव करते हैं। किन्तु बीते कुछ वर्षों में डिजिटल सेक्स के ट्रेंड ने जोर पकड़ा है। डिजिटल सेक्स यानी वह प्रक्रिया जिसमें सेक्स के दौरान फिंगर या फिर पांव के अंगूठे का प्रयोग एक स्टिम्युलेटर की तरह किया जाता है। फिंगर कॉट एक ट्यूब के जैसा दिखने वाला कैप होता है, जिसे फिंगर पर पहना जाता है।

आमतौर पर इसका उपयोग चोट लगी उंगली को ड्राई रखने के लिए किया जाता है, किन्तु इसे सुरक्षित यौन संबंधों के लिए भी उपयोगी माना जाता है। इस तरह के सेक्शुअल इंटरकोर्स में बहुत कम खतरा होता है। चूंकि इसमें फिंगर का उपयोग होता है, इसलिए इसे फिंगरिंग भी कहा जाता है। चूंकि इस सेक्शुअल ऐक्ट में तब तक प्रेग्नेंसी की कोई संभावना नहीं होती, जब तक कि फिंगर के जरिए स्पर्म फीमेल प्राइवेट पार्ट में न चला जाए। इसके अलावा यह एसटीआई से बचाव में भी मददगार है।

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कई बार सेक्स टॉयज या अन्य चीजों का उपयोग करने से भी यौन रोग फैलने का खतरा रहता है। ऐसे में उन टॉयज या चीजों को फिंगर कॉट से कवर करके उनका आनंद उठाया जा सकता है। फिंगर कॉट को पहनने से पूर्व अपने नाखून काट लें और हाथ अच्छी तरह से साफ कर लें। जब हाथ पूरी तरह से सूख जाएं तो फिर फिंगर कॉट को फिंगर में पहनें। उसे करने के बाद उस कॉट को डिस्पोज़ करना ना भूलें। 

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