रवि शास्त्री का क्या होगा, अगर गांगुली बन गए BCCI के अध्यक्ष

बीसीसीआई में अब एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को बीसीसीआई का नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है. वे नामांकन करने मुंबई पहुंचे हैं. तमाम समीकरण बता रहे हैं कि दादा का बीसीसीआई चीफ बनना लगभग तय है.

आपको बता दें कि भारतीय क्रिकेट में सौरव गांगुली और रवि शास्त्री के बीच के रिश्ते उतने मधुर नहीं रहे हैं.

बता दें कि गांगुली उस क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का हिस्सा थे जिसने 2016 में रवि शास्त्री की बजाय अनिल कुंबले को टीम इंडिया के कोच के रूप में चुना था, जिसके बाद दोनों के बीच विवाद और गहरा गया.

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तब 2016 में रवि शास्त्री ने हेड कोच के लिए हुए उनके इंटरव्यू के दौरान सौरव गांगुली की अनुपस्थिति पर जहर उगलते हुए कहा कि गांगुली उन्हें हेड कोच नहीं बनने देना चाहते थे.

2017 में विराट कोहली के साथ अनिल कुंबले के संबंधों में खटास के बाद शास्त्री को टीम इंडिया का कोच बनाया गया. 2017 में भी गांगुली सीएसी के सदस्य थे.

वैसे शास्त्री और गांगुली के बीच का विवाद और भी पुराना है. बात साल 2007 की है जब रवि शास्त्री टीम इंडिया के मैनेजर हुआ करते थे.

एक बार शास्त्री गांगुली के बिना ही टीम बस लेकर रवाना हो गए थे, क्योंकि दादा (सौरव गांगुली) को देर हो चुकी थी. पहली बार जब शास्त्री 2007 में भारतीय टीम मैनेजर बने थे, तो उन्होंने टीम बस ड्राइवर को गांगुली के बिना ही चलने के लिए कहा था.

शास्त्री ने यह बात खुद एक टोक शो में कही थी. दरअसल, भारतीय टीम को अपने पहले प्रैक्टिस सेशन के लिए चटगांव रवाना होना था और बस 9 बजे की थी. लेकिन तभी स्थानीय मैनेजर और सपोर्टिंग स्टाफ ने बताया कि और थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि दादा अभी तक नहीं आए हैं.

लेकिन, शास्त्री यह सुनने के लिए तैयार नहीं थे, उन्होंने झट से जवाब दिया कि दादा को छोड़ो- वह कार से आ सकते हैं. और फिर क्या था टीम इंडिया अपने पहले अभ्यास सत्र के लिए गांगुली के बिना ही निकल गई.

अगर सौरव गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष बने तो, देखना होगा कि कोहली और शास्त्री की जोड़ी का क्या होता है.

 

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