योग दिवस पर उपराष्ट्रपति का बयान, योग को विद्यालयों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए

उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने शुक्रवार को योग को स्कूली पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनाने की सिफारिश करते हुए कहा कि बदलती जीवनशैली और गैर संचारी बीमारियों के बढ़ते मामलों के मद्देनजर ऐसा किया जाना जरूरी है.

नायडू, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर यहां लाल किले पर आयुष मंत्रालय और ब्रह्म कुमारियों की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.

उपराष्ट्रपति ने कहा, ऐसे समय में जब लोग दैनिक जीवन में जबरदस्त दबाव का सामना कर रहे हों, तो योग के विज्ञान को अपनाने की सख्त जरूरत है. कोई भी इसे न केवल शारीरिक लाभ को प्राप्त करने के लिए उपयोग कर सकता है, बल्कि ज्ञानवर्धक विकल्प बनाकर स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ा जा सकता है.

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उन्होंने कहा कि योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जिसका जन्म संभवत: पांचवीं सदी के आसपास भारत में हुआ. हमें इस समग्र अभ्यास को विद्यालयों के पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनाकर इसे प्रचारित और संरक्षित करना चाहिये क्योंकि यह न सिर्फ शारीरिक और मानसिक तंदरुस्ती सुनिश्चित करता है बल्कि अनुशासन भी सिखाता है.

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