बादल और मंडेला की तुलना, मोदी की आलोचना, छिड़ी नई बहस


रविवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 113वीं जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि बादल साहब भारत के नेल्सन मंडेला हैं। उन्होंने राजनीतिक कारणों से जेल में कई साल बिताए हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से यह बयान ट्विटर पर भी पोस्ट किया गया। हालांकि यह तुलना विपक्षी पार्टियों समेत कई लोगों को रास नहीं आई है। पीएमओ की पोस्ट के बाद ही माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर #YoBadalSoMandela हैशटैग ट्रेंड में आ गया।
मोदी ने कहा था कि बादल को आजाद भारत में विभिन्न राजनीतिक कारणों से संघर्ष करते हुए करीब दो दशक जेल में बिताने पड़े। वह महान नेता हैं। मोदी के इस बयान को आलोचना और कटाक्ष का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों ने हैरानी भी जताई है।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि यदि मोदी वास्तव में समझते हैं कि बादल आजाद भारत के मंडेला हैं, तो फिर उन्हें यह भी लगता होगा कि मंडेला की तरह बादल को भारत रत्न या नोबेल पुरस्कार भी मिलना चाहिए। उन्हें इस दिशा में कोशिश करनी चाहिए।
कौन कहता है कि पीएम के पास सेंस ऑफ ह्यूमर नहीं है। उम्मीद करते हैं कि मंडेला की तरह बादल को भी नोबेल या भारत रत्न मिल जाए।
– कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब के पूर्व सीएम और लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता
कौन कहता है… बादल की तुलना मंडेला से की? हाहा …।
– विशाल ददलानी, संगीतकार
बादल के शासनकाल में किसान मर रहे हैं, 70 फीसदी युवा नशे के शिकार हो गए हैं और मोदी कहते हैं कि बादल भारत के मंडेला हैं।
-प्रताप बाजवा, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष