इन 30 सीटों पर है मनोज तिवारी का दबदबा, यहीं से तय होगा दिल्ली का भविष्य
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। 8 फरवरी 2020 को दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर मतदान होंगे जबकि 11 फरवरी को मतदान के परिणाम घोषित किए जाएंगे। आपको बता दें कि मौजूदा समय में दिल्ली की कुल विधानसभाओं के 1.46 करोड़ वोटर हैं ये वोटर ही दिल्ली की सियासी गद्दी का फैसला करेंगे। अबकी बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में पूर्वांचलियों की बड़ी भूमिका रहेगी। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में 27 से 30 सीटों पर पूर्वांचलियों का दबदबा है।
दरअसल एक शोध के मुताबिक, दिल्ली में बीते कुछ वर्षों में पूर्वांचली वोटरों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इनमें से बिहार और पूर्वी यूपी के बहुत से लोग दिल्ली के वोटरों में शामिल हो गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा जनरल कैटेगिरी के वोटर्स दिल्ली में पूर्वांचल से बढ़े हैं, जिसमें सबसे ज्यादा तादात ब्रह्मण वोटरों की है तभी तो बीजेपी ने मनोज तिवारी पर दांव खेलते हुए पिछले कुछ सालों से उन्हें दिल्ली बीजेपी का अध्यक्ष बनाया है।
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दिल्ली में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे पूर्वांचलियों की दिल्ली में धमक तेज होती जा रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ही पूर्वांचली दिल्ली सियासत की धुरी बन गए हैं। आपको बता दें अभी कुछ ही दिनों पहले एक कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक बयान के बाद सियासी घमासान छिड़ गया था।
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आपको बता दें कि इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी जहां खुलकर खेल रही है तो वहीं सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी इस पर बचाव की मुद्रा में है। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में दक्षिणी दिल्ली के आप उम्मीदवार बीजेपी सांसद को पूर्वाचलियों का विरोधी बताया था इस बयान के दम पर आम आदमी पार्टी उस समय फ्रंटफुट पर थी लेकिन अब बीजेपी नेता पूर्वांचल के लोगों को लामबंद करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है।
अभी हाल में ही दिल्ली के बुराड़ी में आयोजित एक सभा में जेडीयू के राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर और झंझारपुर के लोकसभा सांसद रामप्रीत मंडल ने दिल्ली विधानसभा में सभी सीटों पर जेडीयू कैंडिडेट उतारने का ऐलान किया है।
जेडीयू सांसद ने कहा कि जिस तरह से बिहार नीतीश कुमार के नेतृत्व में तेजी से विकास किए जा रहा है उसी तरह दिल्ली में भी तेजी से विकास किया जाएगा। यहां जेडीयू ने बिहार की तर्ज पर यह ऐलान भी किया है कि अगर दिल्ली में पार्टी की सरकार बनाती है तो बिहार की तरह दिल्ली में भी पूर्ण शराबबंदी कानून लागू की जाएगी।
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जेडीयू ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस बयान की भी आलोचना की थी, जिसमें केजरीवाल ने कहा था कि बिहार के लोग 500 रुपये का टिकट कटा कर दिल्ली आते हैं और 5 लाख रुपये का मुफ्त इलाज कराकर चले जाते हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अगर माहौल की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी इन दिनों आम आदमी पार्टी को पूर्वांचल विरोधी साबित करने में जुटी है। दिल्ली में पूर्वांचल से जुड़े बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी लगातार विपक्षी पार्टियों पर हमला बोल रहे हैं वहीं पूर्व दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष विजय गोयल और विजेंद्र गुप्ता ने अपने-अपने कैंप के साथ चुनाव प्रचार अभियान छेड़ रखा है।
आपको बता दें कि कभी इसी दिल्ली में राजनीतिक पार्टियों का फोकस सिर्फ पंजाबी और वैश्य वोटरों पर ही होती थी लेकिन सियासत के बदलते समीकरण के बाद मौजूदा समय में दिल्ली विधानसभा चुनाव के सबसे बड़े वोटबैंक के रूप में पूर्वांचली वोटर निकले हैं ऐसे में दिल्ली की सभी राजनीतिक पार्टियों में पूर्वांचलियों का हितैषी बनने की होड़ लग गई है।