तो शौच के बाद धोना हो या पोछना, बेहतर हैं भारतीय, जानें पूरा मामला
एक्सपर्ट्स का कहना है कि शौच के बाद टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करना सही नहीं होता क्योंकि उससे बॉटम ठीक से साफ नहीं होते, जिसके कारण कई स्वास्थ्य परेशानी हो सकती हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार भारतीय हमेशा शौच के बाद अपने बॉटम्स को पानी से धोते हैं जो कि बिलकुल ठीक है, जबकि जापान, इटली और ग्रीस जैसे देशों के लोग बाइडेट्स सीट (पानी छोड़ने वाली) का इस्तेमाल करते हैं। वहीं ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के लोग हमेशा टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करते हैं। इस पर अपनी राय देते हुए विशेषज्ञों ने उन लोगों को चेतावनी दी है जो कि टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि शौच के बाद पेपर या किसी अन्य चीज से बॉटम साफ कर देने के बावजूद कुछ पार्टिकल्स रह जाते हैं जिनके कारण लोगों को एनल फिशर और यूरीनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन हो सकता है। इस पर बात करते हुए “द बिग नेसेसिटी” की लेखक रोज़ जॉर्ज ने कहा कि मैंने कई बार यह पाया है कि जो लोग खुद को बहुत ही साफ-सुथरा समझ इधर-उधर घुमते रहते हैं, असल में वे बहुत ही गंदे होते हैं। जॉर्ज ने कहा कि टॉयलेट पेपर से मल हटाया जा सकता है लेकिन वह पूरी तरह से साफ नहीं होता है। रोज़ जॉर्ज ही नहीं रेपर और सिंगर विल स्मिथ का भी मानना है कि टॉयलेट पेपर हानिकारक हैं।
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विशेषज्ञों का मानना है कि केवल सफाई ही एक कारण नहीं है जिसके लिए टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करने से मना किया जा रहा है। शौच के बाद कई लोग बहुत ही बेदर्दी के साथ बॉटम साफ करते हैं। इसके कारण एनल फिशर में बहुत दर्द होता है जिसे ठीक होने में 3 महीने लग सकते हैं और इतना ही नहीं इसके चलते बवासीर की परेशानी भी हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार टॉयलेट पेपर से साफ करने से यूरीनरी ट्रेक्ट में इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर लोग शौच के बाद बॉटम से आगे की तरफ पेपर से साफ करते हैं तो उसके साथ कई किटाणु भी आगे के हिस्से में आ जाते हैं, जो कि बाद में इंफेक्शन कर सकते हैं इसलिए लोगों को शौच के बाद अपने बॉटम को जरुर धोना चाहिए।