खुशखबरी: जीएसटी के बाद गैस सिलेंडर सहित सस्ती हो जाएंगी घरेलू उपयोग की चीजें

1 जुलाई से नोटबुक, घरेलू एलपीजी, एल्यूमीनियम फॉइल, इंसुलिन, अगरबत्ती और बड़ी मात्रा में दैनिक उपयोग वाली घरेलू चीजें जीएसटी के लागू होने के बाद सस्ती हो जाएंगी। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि जीएसटी काउंसिल द्वारा घरेलू उपयोग की चीजों पर स्वीकृत की गई कर की दरें वर्तमान में केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए जा रहे संयुक्त अप्रत्यक्ष कर दरों की तुलना में बहुत कम हैं।

जीएसटी के बाद गैस

गौरतलब है कि देश में नया अप्रत्यक्ष कर 1 जुलाई से लागू होगा, जिसमें वस्तुओं पर जीएसटी की दरों को जीएसटी काउंसिल से स्वीकृति मिलने के बाद केन्द्रीय और राज्य सरकारें मिलकर तय करेंगी। जिन वस्तुएं में वर्तमान संयुक्त अप्रत्यक्ष कर से कम जीएसटी लगाया गया है, उनमें मिल्क पाउडर, दही, मक्खन, प्राकृतिक शहद, डेयरी स्प्रेड, पनीर, मसाले, चाय, गेहूं, चावल, आटा और मसाले शामिल हैं।

इसके अलावा मूंगफली तेल, पाम ऑयल, सूरजमुखी तेल, नारियल तेल, सरसों का तेल, चीनी, पास्ता, स्पेगेटी, मैक्रोनी, नूडल्स, फल और सब्जियों, अचार, मुरब्बा, चटनी, मिठाई, केचप और सॉस पर भी कम कर लगाया गया है। वित्त मंत्रालय ने वस्तुओं की एक सूची जारी की है, जिसमें जीएसटी की दरें मौजूदा करों से कम होगी। इस सूची में टॉपिंग्स, स्प्रेड और सॉस, इंस्टेंट फूड मिक्स, मिनिरल वॉटर, बर्फ, सीमेंट, कोयला, केरोसिन, घरेलू एलपीजी, इंसुलिन, अगरबत्ती, टूथपेस्ट, हेयर ऑयल, काजल, साबुन, एक्स-रे फिल्म शामिल हैं।

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नए टैक्स के तहत प्लास्टिक के तिरपाल, स्कूल बैग, एक्सरसाइज बुक, नोट बुक, पतंग, बच्चों की तस्वीर, ड्राइंग या रंग भरने वाली किताबें, रेशमी व ऊनी कपड़े, कुछ प्रकार के सूती कपड़े और विशिष्ट रेडीमेड कपड़ों, 500 रुपए के जूते और हेलमेट पर भी दरों को कम रखा गया है। राख से बनीं ईंटें, राख से बने ब्लॉक, चश्मे, एलपीजी स्टोव, चम्मच, कांटे, स्किमर्स, केक सर्वर, फिश चाकू, चिमटे, ट्रैक्टर के पिछले टायर-ट्यूब और वजनी मशीनरी पर भी कर की दरें कम रखी गई हैं।

राज्य वित्त मंत्रियों और केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने मई और जून के दौरान सभी वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों को लागू करने का फैसला किया था। काउंसिल 18 जून को ई-वे नियमों और मुनाफाखोरी विरोधी मानदंडों पर नियम बनाने के लिए बैठक करेगी।

 

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