गुजरात और हिमाचल के नतीजों के अगले ही दिन हो सकता है राहुल गांधी का राजतिलक
नई दिल्ली.सोनिया गांधी के आवास 10, जनपथ पर सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग हुई। इसमें राहुल गांधी को पार्टी प्रेसिडेंट बनाने के लिए रेजोल्यूशन पास हुआ। साथ ही इलेक्शन का शेड्यूल भी जारी किया गया। इसके मुताबिक, 16 दिसंबर को वोटिंग होगी और नतीजों का एलान 19 को होगा। 18 दिसंबर को गुजरात और हिमाचल के नतीजे आएंगे। इसके दूसरे दिन ही राहुल की कांग्रेस में ताजपोशी हो जाएगी। बता दें कि मीटिंग में सोनिया-राहुल समेत मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, पी. चिदंबरम, सुशील कुमार शिंदे जैसे कई सीनियर लीडर मौजूद रहे।
1 दिसंबर को जारी होगा नोटिफिकेशन
– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कांग्रेस प्रेसिडेंट इलेक्शन के लिए 1 दिसंबर को नोटिफिकेशन जारी होगा। 4 दिसंबर से नॉमिनेशन फाइल होंगे। 16 दिसंबर को वोटिंग और 19 दिसंबर को नजीतों का एलान होगा।
– 1-4 दिसंबर तक नॉमिनेशन भरे जाएंगे। 5 को नॉमिनेशन की स्क्रूटिनी होगी और 3.30 बजे तक वैलिड कैंडिडेट की लिस्ट सामने आ जाएगी। 11 दिसंबर तक नाम वापस लिया जा सकेगा।
– अगर एक से ज्यादा कैंडिडेट होंगे तो 16 दिसंबर को चुनाव होगा। 19 को नतीजों का एलान होगा। जानकारों का कहना है कि अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस में राहुल गांधी अकेले ही नॉमिनेशन भरने वाले हो सकते हैं। उम्मीद है कि 5 दिसंबर को अगले पार्टी अध्यक्ष का एलान हो जाए।
– CWC की मीटिंग में सोनिया ने नोटबंदी, जीएसटी समेत कई मुद्दों पर चर्चा की।
– हालांकि, शनिवार को जनार्दन द्विवेदी ने कहा था, “अगर प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए केवल एक नॉमिनेशन फाइल हुआ तो नॉमिनेशन वापस लेने की तारीख को ही प्रेसिडेंट के लिए चुने गए शख्स के नाम का एलान कर देंगे।”
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राहुल ने कहा था- जिम्मेदारी लेने को तैयार
– सूत्रों के मुताबिक राहुल ने कहा कि कांग्रेस के हर वर्कर को गुजरात चुनाव में ध्यान केंद्रित करना चाहिए। क्योंकि वहां पार्टी 22 साल से सत्ता से बाहर है।
– 6 नवंबर को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी में राहुल गांधी को प्रेसिडेंट बनाने की सिफारिश की गई थी।
– राहुल गांधी के उपाध्यक्ष बनने के करीब चार साल बाद पहली बार कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने एक सुर से उन्हें पार्टी प्रेसिडेंट बनाने की सिफारिश की थी। CWC की मीटिंग में नेताओं ने कहा कि राहुल को अब पार्टी की कमान संभालनी चाहिए।
– 1998 से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की गैर-मौजूदगी में हुई इस मीटिंग की पहली बार खुद राहुल ने अध्यक्षता की। इस दौरान राहुल ने कहा, ”मैं जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं, किसी के मन में संदेह हो तो प्लीज अभी बताएं…।”
क्यों राहुल का प्रेसिडेंट बनना तय माना जा रहा है?
पहली वजह: CWC की पहली बार अगुवाई की थी
– कांग्रेस वर्किंग कमेटी पार्टी की सबसे ताकतवर बॉडी है। राहुल ने सोनिया की गैर-मौजूदगी में पहली बार 6 नवंबर को इसकी अध्यक्षता की। बीमार होने की वजह से सोनिया मीटिंग में नहीं पहुंचीं। बताया गया कि सोनिया का जाना तय था। घर के बाहर गाड़ी भी खड़ी थी। पर दिल्ली में स्मॉग को देखते हुए उन्होंने आखिरी वक्त में फैसला टाल दिया।
दूसरी वजह: CWC ने नाम की सिफारिश की
– इसी मीटिंग में राहुल का CWC मेंबर्स ने पहली बार प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए समर्थन किया था। चार घंटे चली मीटिंग में पूर्व डिफेंस मिनिस्टर एके एंटनी ने राहुल को प्रेसिडेंट बनाने की बात सबसे पहले उठाई। एंटनी ने कहा था, ”ऐसा पहली बार हुआ है जब CWC ने उन्हें (राहुल को) प्रेसिडेंट बनाने की सिफारिश की है। उम्मीद है कि कांग्रेस प्रेसिडेंट इस बात पर उचित तरीके से ध्यान देंगीं।”
– इसके बाद बैठक में मौजूद पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह, अंबिका सोनी, लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेताओं ने एक स्वर से राहुल से जिम्मेदारी संभालने का निवेदन कर दिया।
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तीसरी वजह: पार्टी ने संगठन के चुनाव टाले
– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कांग्रेस ने 31 दिसंबर से पहले होने वाले पार्टी संगठन के चुनाव एक साल के लिए टालने का फैसला किया है। इसके लिए चुनाव आयोग से वक्त भी मांगा गया है। जाहिर है कि पार्टी राहुल के नाम पर खुद सोनिया गांधी की मंजूरी चाहती है।