आप विधायकों को राहत बरकरार, HC ने डिविजन बेंच को भेजी याचिका

दिल्ली में अयोग्य ठहराए गए आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को हाईकोर्ट से राहत बरकरार है। इसके साथ ही अदालत ने उनकी याचिका डिविजन बेंच को भेज दी है। खबरों के अनुसार विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने उस आदेश को जारी रखा है जिसमें चुनाव आयोग को राजधानी में उपचुनाव की घोषणा से रोका गया है।
बता दें कि हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर उस नोटिफिकेशन को निरस्त करने की मांग की है, जिसके तहत उन्हें अयोग्य घोषित किया गया है। विधायकों की इस याचिका पर अब डिविजन बेंच सुनवाई करेगी।
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बता दें कि 25 जनवरी को हुुई सुनवाई में दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि हम इस मामले की सुनवाई सोमवार से करेंगे। इसके साथ ही चुनाव आयोग से यह भी कहा था कि वह इन 20 सीटों पर उप चुनाव की घोषणा न करें। हालांकि हाईकोर्ट ने राष्ट्रपति के अयोग्य करार देने वाले नोटिफिकेशन पर रोक लगाने से इनकार किया जिससे विधायकों की अयोग्यता बरकरार है। हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
AAP विधायकों का तर्क है कि चुनाव आयोग ने हमें पहले नहीं बताया कि वह फैसला करने जा रहा है। उन्हें मीडिया के जरिये पता चला कि चुनाव आयोग इस बाबत फैसला कर रहा है। अयोग्य विधायकों का यह भी कहना है कि चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कभी हमें नहीं सुना और न ही वे तस्वीर में थे, लेकिन आर्डर में उनका भी नाम है।
यह भी तर्क दिया है कि चुनाव आयोग के एक सदस्य (ओपी रावत, जो अब मुख्य चुनाव आयुक्त हैं) ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था जबकि दूसरे ने कभी सुनवाई ही नहीं की।
गौरतलब है कि AAP के 20 विधायक अयोग्य घोषित हुए हैं लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट में अभी तक केवल 8 विधायकों ने ही नोटिफिकेशन को चुनौती दी है। इन 8 विधायकों ने अपनी याचिका अलग-अलग दाखिल की है।
जैसे कैलाश गहलोत, मदन लाल, सरिता सिंह, शरद चौहान और नितिन त्यागी ने एक याचिका दायर की जबकि राजेश ऋषि और सोमदत्त ने अलग अपील की. अल्का लांबा ने अपनी याचिका अकेले दाखिल की है।
अलग-अलग याचिका दायर करने के पीछे आम आदमी पार्टी की रणनीति बताई जा रहा है। जानकारों का मानना है कि सब विधायकों का मामला बिल्कुल एक जैसा नहीं है इसलिए सब एक साथ याचिका दाखिल न करें।