योगी सरकार कर चुकी हैं एक मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना टीका लगाने की तैयारी…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश के हर नागरिक को कोरोना कैक्सीन उपल्बध कराने की सोच बेहद दूरगामी है। यह वैक्सीन सभी के लिए कोरोना वायरस के संक्रमण से लडऩे के लिए बेहद ही मजबूत सुरक्षा कवच है। इस वैक्सीन की एक भी डोज लेने के बाद कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के चपेट में आने वाले लोगों को मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ रही है। वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी संक्रमित अधिकांश लोग होम आइसोलेशन में हैं, जहां पर उनको मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ रही है। इसके साथ ही इनका रिकवरी रेट भी काफी बेहतर है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना रोधी टीका लगवाने की बड़ी तैयारी कर ली है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए एक करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है। माना जा रहा है कि 29 अप्रैल तक प्रदेश में कोवैक्सीन और कोविशील्ड की 50-50 लाख डोज उपलब्ध होगी। प्रदेश में कोरोना वैक्सीन की डोज ले चुके कुछ लोग भले ही कोरोना वायरस की चपेट में हैं, लेकिन दो-चार केस को छोड़कर उनके जीवन पर संकट नहीं आ हा है।

मेडिकल एक्सपट्र्स भी मान रहे है कि कोरोना वैक्सीन के डोज लेने वालों में रिकवरी रेट बिना डोज वालों की अपेक्षा बेहतर देखने को मिल रहा है। जिन लोगों ने टीका लगवा रखा है, उनमें संक्रमण के गंभीर लक्षण और मेडिकल ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ रही है। जिन्हें एक भी डोज लगा है, वह संक्रमित होने पर भी दूसरी लहर के संक्रमण को मात देकर स्वस्थ हो रहे हैं।

किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज के चिकित्साों का मानना है कि कोरोना वायरस टीकाकरण काफी लाभ देने वाला है। इसके टीकाकरण के बाद भी संक्रमित होने वालों का संक्रमण परिवारों में नहीं फैल रहा है। इसमें इस दौरान सामान्य बुखार और हल्के बदन दर्द जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं। कोरोना रोधी टीका लगवाने वालों का संक्रमित होने के बाद रिकवरी रेट बहुत अच्छा है। यह लोग कम से कम समय में इससे उबर भी जा रहे हैं। इनकी रिपोर्ट सप्ताह भर में रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। इन सभी के आक्सीजन का स्तर भी सामान्य ही रह रहा है। इसका लाभ डॉक्टर्स के अलावा अन्य टीका की डोज लेने वालों को भी मिला है।  

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