योगी सरकार ने नई एजेंसी को दिया रोजगार सृजन और निवेश संभालने का जिम्मा…

कोरोना संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश के उद्योग और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास कर रही योगी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। निवेश और रोजगार सृजन को प्रोत्साहन देने के लिए यूपी सरकार नई निवेश व रोजगार प्रोत्साहन संस्था (इनवेस्टमेंट प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन एजेंसी) का गठन करने जा रही है। इस संस्था के अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे, जबकि औद्योगिक विकास मंत्री और सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे। संस्था खास तौर पर प्रवासी मजदूरों के रोजगार सृजन पर काम करेगी।

अब तक उत्तर प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए लगातार जो प्रयास चल रहे थे, उन्हें कोरोना संक्रमण की वजह से तगड़ा झटका लगा है। इधर, लॉकडाउन की वजह से दस से पंद्रह लाख प्रवासी कामगार और श्रमिक उत्तर प्रदेश लौटे हैं, जिन्हें रोजगार मुहैया कराने का वादा सरकार ने किया है। लिहाजा, इसकी कार्ययोजना बनाने में सरकार जुटी है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि उद्योग बंधु को मजबूत करते हुए एक और दक्ष संस्था बनाई जाए। यह संस्था विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार सृजन और निवेश आकर्षण व प्रोत्साहन का कार्य करेगी।

प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने बताया कि निवेश व रोजगार प्रोत्साहन संस्था गठित करने का निर्णय हुआ है। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, जबकि औद्योगिक विकास मंत्री और एमएसएमई व निवेश प्रोत्साहन मंत्री इसमें उपाध्यक्ष की भूमिका में रहेंगे। संस्था के बोर्ड में संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों के अलावा विभिन्न औद्योगिक व वाणिज्यिक क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में भारत सरकार की संस्था इनवेस्ट इंडिया द्वारा प्रस्ताव भेजा गया था। उसके सुझावों को शामिल करते हुए इस एजेंसी की स्थापना जल्द ही की जाएगी।

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