वास्तु के अनुसार घर में सुख-समृद्धि के लिए करें भगवान श्रीगणेश की नित्य पूजा

प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश सुख, शांति और समृद्धि के दाता हैं। उनकी पूजा से सारे काम निर्विघ्न संपन्न होते हैं। माना जाता है कि भगवान श्रीगणेश की आराधना के बिना वास्तु देवता की संतुष्टि नहीं होती है। भगवान श्रीगणेश की उपासना से हर वास्तु दोष दूर हो जाता है। 

वास्तु के अनुसार परिवार में आनंद, उत्साह व सुख-समृद्धि के लिए भगवान श्रीगणेश की मूर्ति को शुभ मुहूर्त में घर में स्‍थापित करना चाहिए। पुराना रोग जो ठीक न हो रहा हो, उन घरों में भगवान श्रीगणेश की आराधना करनी चाहिए। पीत वर्ण के गणपति सर्वोत्तम माने जाते हैं। भगवान श्रीगणेश को कभी तुलसी दल अर्पित न करें। बच्चों के पढ़ने की मेज पर या बच्चों के कमरे में पीले रंग की श्रीगणेश की मूर्ति लगाएं। शयन कक्ष में भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा न रखे। पूजा के स्थान पर पीले रंग की श्रीगणेश की मूर्ति लगायें। घर में भगवान श्रीगणेश की ज्यादा मूर्तियां नहीं होनी चाहिए। कई जगह श्रीगणेश की मूर्तियां लगाने से बेहतर है कि ॐ लिख दिया जाए। घर में सिर्फ एक ही श्रीगणेश की मूर्ति स्थापित करें। श्वेत रंग के गणपति की पूजा से सुख एवं समृद्धि का प्रवाह होता है। घर में पूजा के लिए भगवान श्रीगणेश की शयन या बैठी हुई मुद्रा में मूर्ति शुभ मानी जाती है। घर या प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर भगवान श्रीगणेश का बंदनवार लगाएं। घर अगर लंबे समय से बंद पड़ा है तो प्रवेश द्वार के ठीक सामने श्रीगणेश की मूर्ति स्थापित करें। विघ्नहर्ता भगवान गणपति की नित्य पूजा करने से कलह, विघ्न, अशांति, तनाव, मानसिक दोष दूर हो जाते हैं। सफलता प्राप्ति के लिए सिद्धिनायक गणपति को घर में लाना चाहिए। 

Back to top button