जोधपुर में कार्यरत रेलवे के एक आला अधिकारी पर डीआरएम कार्यालय में कार्यरत महिला ने लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप

राजस्थान में जोधपुर के मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। जोधपुर में कार्यरत रेलवे के एक आला अधिकारी पर डीआरएम (डिजिटल राइट मैनेजमेंट) कार्यालय में कार्यरत महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पीड़िता के परिजन ने डीआरएम से मिलकर पूरे मामले से अवगत कराते हुए लिखित में शिकायत की। इसके बाद एक्शन में आई महिला डीआरएम ने आरोपित अधिकारी को फोर्सफुली अवकाश पर भेज दिया है। साथ ही, इस अधिकारी का जोधपुर से तबादला करने की सिफारिश ऊपर के अधिकारियों से की है। सूत्रों के अनुसार, डीआरएम कार्यालय में कार्यरत एक महिला ने इसी कार्यालय में तैनात मटेरियल मैनेजर अशोक चौधरी पर स्वयं को परेशान करने का आरोप लगाया है। साथ ही, आरोप लगाया है कि अधिकारी उसका यौन उत्पीड़न कर रहा है।

डीआरएम से की शिकायत

महिला ने कई बार उसकी हरकतों को नजर अंदाज कर दिया। इससे अधिकारी की हिमाकत बढ़ती गई। आखिरकार तंग आकर उसने अपना एक शिकायती पत्र परिजन के हाथों डीआरएम गीतिका पांडेय तक पहुंचाया है। जोधपुर की पहली महिला डीआरएम गीतिका ने इसे बेहद गंभीरता से लिया। उन्होंने पीड़िता की परिजन की पूरी बात को सुना। इस दौरान उन्होंने फोन पर पीड़िता से भी बात की। इसके बाद उन्होंने शाम को रेलवे के सभी आला अधिकारियों की बैठक बुलाई। अधिकारी पर यौन उत्पीड़न के आरोप से बेहद खफा डीआरएम गीतिका पांडे ने देर रात आरोपित अधिकारी को जबरन छुट्टी पर भेज दिया। साथ ही, उन्होंने जयपुर में बैठे आला अधिकारियों को पत्र भेज इस अधिकारी का तुरंत जोधपुर से अन्यत्र तबादला करने की मांग की है। वीरवार को डीआरएम आफिस में एक वर्क एकाउंटेंट चार हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। एसीबी की कार्रवाई होने से मंडल रेल कार्यालय सुर्खियों में आया था, वही साथी अधिकारी पर अश्लीलता करने का गंभीर आरोप लगने के बाद डीआरएम ने सभी अधिकारियों को जोरदार लताड़ लगाते हुए स्पष्ट कह दिया कि उनके यहां किसी तरह की कोताही स्वीकार्य नहीं है। अधिकारी व कर्मचारी अपना रवैया सुधार लें। यदि किसी के लिए ऐसा करना संभव नहीं हो तो वे अपना तबादला और कहीं करवा लें।

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