बिना सहमति के पति से शारीरिक संबंध बलात्कार नहीं : गुजरात हाई कोर्ट

गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार (2 अप्रैल, 2018) को कहा कि पति द्वारा पत्नी की असहमति के बावजूद शारीरिक संबंध बनाने को दुष्कर्म नहीं माना जा सकता। न्यायालय ने हालांकि कहा कि साथी के साथ मुख मैथुन या अप्राकृतिक संबंध बनाने को क्रूरता की श्रेणी में रखा जाएगा। एक महिला चिकित्सक ने अपने पति के खिलाफ दुष्कर्म व शारीरिक शोषण का मामला दर्ज कराया था। पति भी चिकित्सक है। न्यायालय ने इसी मामले में यह फैसला सुनाया है।
शिकायतकर्ता के अनुसार उनका पति इच्छा नहीं होने के बावजूद उन्हें सेक्स करने के लिए मजबूर करता है। उन्होंने अपने पति पर मुख मैथुन व अप्राकृतिक संबंध बनाने तथा दहेज उत्पीड़न का भी आरोप लगाया था। पत्नी की शिकायत के खिलाफ आरोपी पति ने गुजरात उच्च न्यायालय की शरण ली।
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गुजरात उच्च न्यायायल के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.बी. पर्दीवाला ने कहा, “पत्नी से उसकी इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाना दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता। पत्नी के कहने पर उसके पति पर दुष्कर्म के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के अंतर्गत मामला दर्ज नहीं हो सकता, क्योंकि वैवाहिक दुष्कर्म धारा 375 के अंतर्गत नहीं आता जो आदमी को उसकी पत्नी (18 साल से बड़ी) से शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत देता है।”