Winter Tips: गर्म पानी से देर तक नहाने से हो सकता है नुकसान, अपनाएं यह उपाय
नई दिल्ली। मौसम (Winter Tips) का मिजाज बदलते ही शरीर की जरूरतें भी बदल जाती हैं. ठंड के मौसम में फ्लू या इंफेक्शन (Flu and infection) से बचने के लिए इम्यून सिस्मट को दुरुस्त रखना बहुत जरूरी है. ये सब बातें जानते हुए भी लोग अपनी सेहत (Winter Health) के साथ खिलवाड़ करने पर अमादा हैं. आइए आपको बताते हैं कि सर्दियों में अक्सर लोग जाने-अंजाने कौन सी बड़ी गलतियां करते हैं.
देर तक गर्म पानी से नहाना- एक्सपर्ट की मानें तो ठंड के मौसम में ज्यादा देर तक गर्म पानी का शावर लेना सेहत के लिए अच्छा नहीं है. इससे हमारी बॉडी और दिमाग दोनों पर बुरा असर पड़ता है. दरअसल गर्म पानी केराटिन नाम के स्किन सेल्स को डैमेज करता है, जिससे त्वचा में खुजली, ड्रायेनस और रैशेस की समस्या बढ़ जाती है.
बहुत ज्यादा कपड़े- सर्दी के मौसम में खुद को गर्म रखना अच्छी बात है, लेकिन ज्यादा कपड़े पहनने से बचना चाहिए. ऐसा करने से आपकी बॉडी ओवरहीटिंग का शिकार हो सकती है. दरअसल ठंड लगने पर हमारा इम्यून सिस्टम व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) प्रोड्यूस करता है, जो इंफेक्शन और बीमारियों से हमारी सुरक्षा करते हैं. जबकि बॉडी के ओवरहीट होने पर इम्यून अपना काम नहीं कर पाता है.
ज्यादा खाना- सर्दी के मौसम में इंसान की खुराक अचानक बढ़ जाती है और वो सेहत की परवाह किए बगैर कुछ भी खाने लगता है. दरअसल ठंड से मुकाबले में शरीर की कैलोरी ज्यादा खर्च होती है, जिसकी भरपाई हम हॉट चॉकलेट या एक्स्ट्रा कैलोरी वाले फूड से करने लगते हैं. ऐसे में भूख लगने पर सिर्फ फाइबर वाली सब्जियां या फल खाने चाहिए.
कैफीन- सर्दी के मौसम में चाय और कॉफी से शरीर को गर्म रखने की तरकीब अच्छी है. लेकिन शायद आप भूल रहे हैं कि बहुत ज्यादा कैफीन शरीर के लिए नुकसानदायक है. दिनभर में आपको 2 या 3 कप से ज्यादा कॉफी नहीं पीनी चाहिए.
कम पानी पीना- सर्दियों में लोगों को कम प्यास लगती है. लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं कि ठंड में शरीर को पानी की जरूरत नहीं है. यूरीनेशन, डायजेशन और पसीने में पानी शरीर से बाहर आ जाता है. ऐसे में पानी न पीने के कारण बॉडी डीहाइड्रेट होने लगती है. इससे किडनी और डायजेशन में दिक्कत बढ़ सकती है.
सोने से पहले क्या करें- एक शोध के मुताबिक, रात को सोने से पहले हाथ और पैरों को ग्लव्स और जुर्राब से कवर रखना सेहत के लिए अच्छा होता है. स्लीपिंग क्वालिटी को इम्प्रूव करने के लिए ये नुस्खा काफी फायदेमंद माना गया है.
बेडटाइम रूटीन- इस मौसम में दिन छोटे हो जाते हैं और रात लंबी हो जाती है. ऐसी दिनचर्या से न सिर्फ सिर्काडियन साइकिल डिस्टर्ब होती है, बल्कि शरीर में मेटालोनिन हार्मोन (नींद दिलाने वाला हार्मोन) का प्रोडक्शन भी बढ़ जाता है. इससे झपकियां आने लगती हैं. सुस्ती चढ़ती है. इसलिए स्लीपिंग टाइम में ही अच्छे से नींद पूरी करने की कोशिश करें.
बाहर जाने से परहेज- सर्दियों के मौसम में ज्यादातर लोग ठंड से बचने के लिए घर से बाहर निकलना बंद कर देते हैं. ऐसा करना सेहत पर भारी पड़ सकता है. घर में सिकुड़कर रहने से आपकी फिजिकल एक्टिविटी खराब होगी. मोटापा बढ़ेगा और सूर्य की किरणों से मिलने वाले विटामिन-डी भी नहीं मिल पाएगा.
एक्सरसाइज- ठंड में तापमान कम होने की वजह से लोग बिस्तर में सिकुड़कर बैठे रहते हैं. फिजिकल एक्टिविटी शून्य होने की वजह से हमारा इम्यून सिस्टम सुस्त पड़ने लगता है. इसलिए रजाई में घुसकर बैठे रहने की बजाए साइकलिंग, वॉकिंग या कोई भी वर्कआउट फौरन शुरू कर दीजिए.
सेल्फ मेडिकेशन- इस मौसम में लोगों को अक्सर खांसी, जुकाम या बुखार की दिक्कत होती है. ऐसे में डॉक्टर से बिना जांच कराए सेल्फ मेडिकेशन जानलेवा हो सकता है. ये किसी गंभीर बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं. इसलिए कोई भी दवा या नुस्खा आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.