1 अप्रैल से यह मिलेगा बीएस-6 फ्यूल

ऊर्जा क्षेत्र में राजग सरकार का रिकॉर्ड है कि वह हर योजना को समय से पहले पूरा कर रही है। इस क्रम में देश भर में बीएस-6 ईंधन (पेट्रोल व डीजल) की बिक्री की योजना को भी शामिल किया जा सकता है। वैसे तो केंद्र सरकार ने अप्रैल, 2020 से पूरे देश में बेहद स्वच्छ समङो जाने वाले इस ईंधन की बिक्री शुरू करने का लक्ष्य रखा है।

लेकिन, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह 13 बड़े शहरों में एक वर्ष पहले यानी अप्रैल, 2019 से ही यह ईंधन उपलब्ध कराए। सरकारी क्षेत्र की रिफाइनरी कंपनियों की तैयारी देखते हुए लगता है कि यह संभव है।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा है कि सरकारी क्षेत्र की मंगलोर रिफाइनरी व पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) में अप्रैल, 2019 से ही बीएस-6 मानक वाला डीजल और दिसंबर, 2019 से पेट्रोल उत्पादित होना शुरू हो जाएगा। यह रिफाइनरी अकेले ही कई शहरों में बीएस-6 मानक वाले ईंधनों की आपूर्ति सुनिश्चित कर सकती है।

दूसरी सरकारी रिफाइनरी कंपनियों की तरफ से भी बीएस-6 मानक वाले पेट्रोल व डीजल का उत्पादन बढ़ाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। मसलन, इंडियन आयल की मथुरा और पानीपत रिफाइनरी और बीपीसीएल की बीना रिफाइनरी में भी बीएस-6 ईंधन का उत्पादन शुरू हो गया है जिनसे दिल्ली को आपूर्ति शुरू की जानी है। इन तीनों रिफाइनरी में उत्पादन और बढ़ाया जा रहा है।

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पिछले वर्ष जब दिल्ली कई दिनों तक प्रदूषित कोहरे से जूझ रही थी तो सरकार की तरफ से अप्रैल, 2018 से यहां बीएस-6 ईंधन बिक्री शुरू करने का एलान किया गया था। इस ईंधन में सल्फर की मात्र कम होती है जिसकी वजह से प्रदूषण भी कम फैलता है। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से कहा है कि वह अप्रैल, 2019 से ही देश के 13 शहरों में बीएस-6 ईंधनों की बिक्री शुरू करने पर विचार करे।

कोर्ट ने सरकार से डीजल की कीमत तय करने के फॉमरूले पर भी विचार करने को कहा है। डीजल को ‘गंदे ईंधन’ की संज्ञा देते हुए कोर्ट ने कहा है कि इसे हतोत्साहित करने की कोशिश की जानी चाहिए।

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