जब मेट्रो भिड़ी दीवार से तो अधिकारियों को मिल गई इतनी बड़ी सजा

कालिंदी कुंज मेट्रो डिपो में दीवार तोड़कर ट्रेन के बाहर आने पर दिल्ली मेट्रो रेल कारर्पोरेशन ने वहां तैनात चार लोगों को निलंबित कर दिया है। बुधवार को जांच के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने यह कार्रवाई की है।
 
जिन पर कार्रवाई हुई है उनमें उप महाप्रबंधक और डिपो इंचार्ज, सहायक इंचार्ज और जूनियर इंजीनियर और सहायक इंजीनियर शामिल है। डीएमआरसी के मुताबिक, कार्यकारी निदेशकों की तीन सदस्यीय टीम ने बुधवार को हादसे को लेकर रिपोर्ट भी सौंप दी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे कारण सिर्फ मानवीय भूल है। मेट्रो को रैंप ले जाने के लिए जो प्रक्रिया तय है उसे फॉलो नहीं किया गया, जिससे यह हादसा हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रेक को वर्कशॉप में ले जाने के बाद फ्री कर दिया गया, लेकिन धुलाई के समय ले जाते समय उसे चेक नहीं किया गया।

यह काम एक बैट्री चालित वाहन की मदद से किया जाता है। फिर ट्रेन को वहां से ले जाते समय फिर से ब्रेक को ठीक कर दिया जाता है। मगर धुलाई के लिए रैंप पर ले जाने से पहले ब्रेक को नॉर्मल नहीं किया गया, जिससे यह हादसा हुआ। 

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जिस एरिया में यह हादसा हुआ वहां सिग्नलिंग सिस्टम का प्रयोग नहीं होता है। ट्रेन को आगे-पीछे ले जाने के लिए शंटिंग इंजन के जरिये आगे पीछे ले जाया जाता है।

यह पूरी प्रक्रिया मैनुअली होती है। इसलिए यह कहना गलत है कि नई सीबीटीसी तकनीक के चलते यह हुआ है। यह हादसा पूरी तरह से मानवीय भूल के कारण हुआ है।

 

दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी) ने उन खबरों को खारिज किया है कि मजेंटा लाइन के एक सेक्शन बॉटेनिकल गार्डन से कालकाजी मंदिर की तारीख आगे बढ़ेगी।

डीएमआरसी ने कहा कि हम इस लाइन को तय समय पर ही खोलेंगे। हमारी यह लाइन पूरी तरह से सुरक्षित है। मेट्रो ने कहा कि हमारे पास ड्राइवरलेस तकनीक मौजूद है।

फिर भी हम फिलहाल इस ट्रेन में ड्राइवर के साथ इसे चलाएंगे। इसकी घोषणा हम पहले भी कर चुके हैं। ट्रेन ऑटोमेटेड तकनीक पर चलेगी लेकिन ड्राइवर उसमें मौजूद रहेगा। 

 

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