जब तारे में हुआ भीषण विस्फोट, NASA ने जारी किया अद्भुत VIDEO

वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने एक तारे में हुए भीषण विस्फोट का अद्भुत वीडियो रिकॉर्ड किया है। NASA के मुताबिक यह धमाका धरती से लगभग 7 करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित SN 2018gv सुपरनोवा में हुआ था और इससे पहले इस तरह का वीडियो नहीं देखा गया है। बता दें कि परनोवा किसी तारे में हुए भयंकर विस्फोट को कहते हैं और ये सुपरनोवा NGC 2525 गैलेक्सी में नज़र आया। ऐसे ही एक विस्फोट के बाद पृथ्वी का जन्म हुआ है ऐसा माना जाता है।

NASA के मुताबिक सुपरनोवा SN 2018gv की खोज पहली बार 2018 में जापान के एक शौकिया खगोल विज्ञानी कोइची इतागाकी ने की थी। इतागाकी ने अपने इस खोज के बारे में नासा को बताया था, जिसके बाद इस अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने हब्बल टेलिस्कोप की मदद से इस सुपरनोवा पर नजर रखनी शुरू कर दी थी। हाल में ही नासा ने इस सुपरनोवा पर एक साल तक नजर रखने का स्लोमोशन वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में तारे में आता बदलाव और एक जबरदस्त विस्फोट नज़र का रहा है।

सूरज से 5 अरब गुना ज्यादा चमक नज़र आई

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि इस विस्फोट में सूरज से 5 अरब गुना ज्यादा चमक देखी गई है। कहा जाता है कि ये विस्फोट इतने शक्तिशाली होते हैं कि आकाशगंगाओं को कई प्रकाश वर्ष तक फैला सकते हैं। वहीं, इनसे निकलने वाला प्रकाश इतना तीव्र होता है कि पृथ्वी से आधे ब्राह्मांड तक को देखा जा सकता है।नासा ने बताया कि सुपरनोवा का अवलोकन करने से रिचर्सस को ब्राह्मांड के फैलाव की दर को मापने में मदद मिलती है। यह ब्राह्मांड के भौतिक आधारों को समझने के लिए भी जरूरी तत्व है।

तारे की मौत होता है सुपरनोवा

जब अंतरिक्ष में किसी तारे के टूटने से जो ऊर्जा पैदा होती है उसे सुपरनोवा कहा जाता है। सुपरनोवा का उपयोग आकाशगंगाओं की दूरियों को मापने के लिए एक मानक के रूप में किया जा सकता है। इससे यह भी पता लगता है कि एक आकाशगंगा दूसरी आकाशगंगा से कितनी तेजी से दूर जा रही है। यह किसी तारे का अंतिम समय होता है। हमारी आकाशगंगा में सुपरनोवा को देखना मुश्किल है क्योंकि वे अक्सर धूल से छिप जाते हैं। इन सुपरनोवा से निकली ऊर्जा इतनी ज्यादा होती है जिसके आगे सूरज की रोशनी भी फीकी पड़ जाती है।

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