क्या है स्लीप डिवोर्स का ट्रेंड? जिसमें लोग पार्टनर से ज्यादा सुकून भरी नींद को दे रहे हैं तवज्जो

वर्किंग कपल्स के लिए पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच तालमेल बिठाकर चलना बड़ा ही मुश्किल होता है। जिस वजह से कई कपल्स का ज्यादातर वक्त लड़ते-झगड़ते ही बीतता है और जब पानी सिर से ऊपर चला जाता है, तो अलगाव का ही ऑप्शन बचता है, लेकिन एक और ऑप्शन है जिसे अपनाकर आप इन मनमुटावों को दूर कर सकते हैं वो है स्लीप डिवोर्स। आइए जानते हैं इसके बारे में साथ ही कुछ फायदे और नुकसान के बारे में भी।

क्या है स्लीप डिवोर्स ?
स्लीप डाइवोर्स (sleep divorce), जिसमें कपल्स अपनी जरूरतों और कंफर्ट के हिसाब से अलग-अलग सोना पसंद करते हैं। इस ट्रेंड को हमारी आजकल की लाइफस्टाइल और वर्क कल्चर ने ही जन्म दिया है। किसी भी एक पार्टनर की नाइट शिफ्ट, खर्राटे लेने की आदत या देर रात फोन में लगे रहने की आदत से दूसरे पार्टनर की नींद डिस्टर्ब हो सकती है, तो इसी का सॉल्यूशन है स्लीप डिवोर्स। शहरों में ये ट्रेंड ज्यादा देखने को मिल रहा है।

स्लीप डिवोर्स के फायदे
फायदों के आधार पर ही स्लीप डिवोर्स का ट्रेंड इतना तेजी से पॉपुलर हो रहा है और कपल्स इसे फॉलो भी कर रहे हैं। शरीर को चलाने के लिए खाना और नींद ये दो सबसे जरूरी चीजें हैं। इन दो चीज़ों की कमी आपके पूरे रूटीन की डिस्टर्ब कर सकती है यहां तक कि अच्छे-भले रिलेशनशिप को भी। स्‍लीप डिवोर्स को हैप्पी मैरिड लाइफ का अंत बिल्कुल न समझें, बल्कि ये सोचें कि अगर व्यक्ति तनावमुक्त रहेगा, तो हर एक चीज को आसानी से मैनेज कर सकता है।

स्लीप डिवोर्स रिलेशनशिप को कैसे करता है प्रभावित

  1. कनेक्शन में कमी
    अलग-अलग सोने से पार्टनर के साथ अपनेपन की फीलिंग खत्म होने लगती है। बेडरूम ही वो जगह होती है जहां हम पार्टनर के साथ प्यार, शिकायतें और कई तरह की दूसरी बातें साझा करते हैं। जिससे आपसी कनेक्शन बिल्ड अप होता है, लेकिन स्लीप डिवोर्स में इन चीजों के लिए वक्त ही नहीं मिलता, जिससे अटैचमेंट में कमी आने लगती है और रिलेशनशिप में रहते हुए भी अलगाव जैसी ही फीलिंग आती रहती है।
  2. रोमांस में कमी
    ये बहुत ही लाजमी सी चीज है। अलग-अलग कमरों में सोने से धीरे-धीरे प्यार और रोमांस कम होने लगता है, जो आपकी शादीशुदा जिंदगी को डिस्टर्ब कर सकता है और अलगाव की भी वजह बन सकता है। पर्सनल लाइफ से जुड़ी किसी भी तरह की प्रॉब्लम आपके प्रोफेशनल लाइफ को भी प्रभावित करती है।
  3. खुशियों में कमी
    स्लीप डिवोर्स के चक्कर में वर्किंग कपल्स की लाइफ से खुशियां भी गायब हो रही हैं। पूरा दिन ऑफिस फिर घर के कामकाज निपटाने के बाद रात का ही वक्त होता है जब उन्हें एक-दूसरे के साथ समय बिताने का मौका मिलता है। ऐसे में अलग-अलग सोने का डिसीजन दोनों के ही लिए मुश्किल भरा हो सकता है। इससे आपसी मनमुटाव बढ़ने लगता है।
  4. इनसिक्योर फील करना
    स्लीप डिवोर्स के चलते पार्टनर को इनसिक्योरिटी भी फील हो सकती है। दरअसल शादी के बाद बेड शेयरिंग बहुत ही नॉर्मल बात है, लेकिन अगर कोई एक पार्टनर साउंड स्लीप के लिए अलग सोना चाहता है, तो दूसरा इसे बहाना समझ सकता है दूरियां बनाने का। उन्हें हर वक्त यह डर सताता रहता है कि कोई तीसरा उनके रिलेशनशिप में आ चुका है। जिससे बेवजह का तनाव और लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं।
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