क्या? आज खत्म हो सकता हैं किसान आंदोलन, विज्ञान भवन के लिए रवाना हुए किसान

किसान संगठनों और सरकार के बीच आज फिर बातचीत होनी है. बुधवार सुबह सिंघु बॉर्डर से किसान नेता विज्ञान भवन के लिए रवाना हो गए हैं. कृषि कानून के मसले पर दोनों पक्षों में होने वाली ये छठे राउंड की बातचीत है.

केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश का कहना है कि उन्हें उम्मीद है आज ही किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा. सरकार किसानों के साथ खुले मन से बात कर रही है, जो भी सुझाव आएंगे उसपर विचार किया जाएगा.

सरकार के साथ बातचीत से पहले किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार कानून वापस नहीं लेगी तो प्रदर्शन खत्म नहीं होगा. सरकार को कानून वापस लेना ही पड़ेगा, संशोधन पर बात नहीं बनेगी.

कृषि कानून को लेकर लगातार कांग्रेस केंद्र सरकार को घेर रही है. ऐसे में राजनाथ सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि वो एक किसान परिवार में पैदा हुए हैं, ऐसे में वो राहुल गांधी से अधिक खेती के बारे में जानते हैं. कृषि कानूनों को किसानों की भलाई के लिए लाया गया है.

किसान आंदोलन में शामिल किसानों पर खालिस्तानी समर्थक होने का आरोप लगने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि किसानों पर इस तरह का आरोप नहीं लगना चाहिए. हम किसानों का सम्मान करते हैं, वो हमारे अन्नदाता हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार किसानों के साथ कृषि कानून के हर मसले पर चर्चा करने को तैयार है, नए कानून किसानों की भलाई के लिए हैं. अगर किसी को कोई दिक्कत है तो सरकार चर्चा को तैयार है.

केंद्र सरकार की ओर से कई बार कहा जा चुका है कि वो कृषि कानून वापस नहीं लेगी. ऐसे में किसानों से चर्चा कर उनकी समस्याओं का हल करने को तैयार है. बीते दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पीयूष गोयल के बीच लंबे दौर की बातचीत हुई, जिसमें किसानों संग मुलाकात की रणनीति बनाई गई.

किसानों की ओर से सरकार के साथ चर्चा करने से पहले ही एक जवाब भेजा गया था. जिसमें किसानों ने कहा था कि वो अपने निश्चित चार मुद्दों पर ही चर्चा करना चाहते हैं, जिनमें कृषि कानून के वापसी के तरीके, बिजली बिल से जुड़े कानून की वापसी, एनसीआर में प्रदूषण को लेकर बिल पर चर्चा और पक्की एमएसपी पर बात करेंगे.

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