पश्चिम बंगाल: दुर्गा पूजा पंडाल में एंट्री, कलकत्ता हाईकोर्ट ने शर्तों के साथ दी मंजूरी, सिंदूर खेला की इजाजत देने से इनकार

कोलकाता। कोरोना महामारी के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने दुर्गा पूजा पंडाल को आगंतुकों या दर्शन करने वालों के लिए नो-एंट्री घोषित करने के बाद अपने आदेश में थोड़ी सी ढील दी है। बुधवार को कोलकाता हाईकोर्ट ने राज्य में 400 पूजा आयोजकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए एक बार में 45 लोगों को दुर्गा पूजा पंडाल में प्रवेश की अनुमति दे दी है। कोर्ट के नए आदेश के अनुसार, अनुमति प्राप्त व्यक्तियों की सूची को दैनिक आधार पर तैयार किया जाएगा। इसके बाद सुबह 8 बजे पंडाल के बाहर लिस्ट लगानी होगी।

कोर्ट ने आदेश में कहा कि बड़े दुर्गा पूजा पंडाल जिनका क्षेत्रफल 300 वर्ग मीटर से अधिक है वो अधिकतम 60 लोगों तक की सूची बना सकते हैं, लेकिन एक समय में सिर्फ 45 लोगों को ही जाने की इजाजत होगी। वहीं, छोटे पंडाल में 15 लोगों को जाने की इजाजत दी जा सकती है। हालांकि कोर्ट ने दो महत्वपूर्ण अनुष्ठानों-अंजलि और सिंदूर खेला की इजाजत देने से इनकार कर दिया।

पंडाल में सिर्फ आयोजकों को रहने की इजाजत

इससे पहले हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा था कि पंडाल के अंदर केवल आयोजकों को ही रहने की इजाजत होगी। कोरोना महामारी के मद्देनजर बड़े पंडालों के लिए यह संख्‍या 25 और छोटे पंडालों के लिए 15 सीमित की गई थी। कोर्ट ने कहा था कि सभी बड़े पंडालों को 10 मीटर की दूरी पर जबकि छोटे पंडालों को पांच मीटर की दूरी पर बैरिकेड लगाने होंगे।

बढ़ सकता है कोरोना का प्रकोप

केरल में ओणम के बाद संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज की गयी। दुर्गा पूजा पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा उत्सव है। लेकिन विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने आशंका जतायी थी कि इस उत्सव में लापरवाही से वायरस का प्रकोप बढ़ सकता है।

दिल्ली में ऑनलाइन होंगे दर्शन, घर पर मिलेगा प्रसाद

वहीं वायरस के प्रकोप से बचाव के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में दुर्गा पूजा आयोजकों ने खास तैयारी करने का निर्णय लिया है। इसके तहत, ऑनलाइन दर्शन के साथ ही प्रसाद घर पर ही पहुंचाया जाएगा और पुजारियों के अलावा रसोइये का भी कोविड-19 परीक्षण कराया जाएगा।

कुछ आयोजकों ने कहा कि वे अंतिम समय में किसी भी दिक्कत से बचने के लिए दो पुजारियों की सेवा लेंगे ताकि एक पुजारी यदि संक्रमण की चपेट में आ जाए तो दूसरा जिम्मेदारी निभा सके, इसके अलावा, संपर्क में आए लोगों का आसानी से पता लगाने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का पूरा विवरण रखने की भी योजना है।

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