हाथ की इस उंगली में चादी की अंगूठी पहनने से बनते हैं कई बिगड़े काम, यहां जाने और भी कुछ…

चांदी की अंगूठी– चांदी से निर्मित कई आभूषणों को महिलाएं पहनकर साज-श्रृंगार करती हैं. चांदी के आभूषण खूबसूरती बढ़ाने के अलावा सुख-समृद्धि के कारक भी माने जाते हैं.

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार चांदी नौ ग्रहों में शुक्र और चंद्रमा से जुड़ा हुआ धातु है. कहा जाता है कि चांदी भगवान शिव के नेत्रों से उत्पन्न हुआ था इसलिए जहां चांदी होता है वहां वैभव और संपन्नता की कोई कमी नहीं होती है.

शरीर में चांदी धारण करने पर यह जल तत्व और कफ को नियंत्रित करता है. इसके अलावा भी चांदी पहनने से कई तरह के लाभ होते हैं.

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि चांदी की अंगूठी किस तरह से आपके लिए फायदेमंद हो सकती है और इसे किस तरह से धारण करना चाहिए.

कनिष्ठा उंगली में इस विधि से पहने चांदी की अंगूठी

आप बाजार से अपने पंसद की डिजाइन वाली चांदी की एक अंगूठी लेकर आएं. फिर इसे किसी भी गुरुवार की रात पानी में डालकर पूरी रात के लिए ऐसे ही छोड़ दें. फिर अगले दिन सुबह के वक्त इस अंगूठी को भगवान विष्णु के चरणों में रखें और पूरे विधि-विधान के साथ उनकी पूजा करें.

जब आपकी पूजा पूरी हो जाए तो उस अंगूठी को भी चंदन लगाएं, धूप-दीप दिखाकर अक्षत चढ़ाएं. आपका यह छल्ला अब अभिमंत्रित हो चुका है. अब आप इसे दाहिने हाथ की सबसे छोटी उंगली कनिष्ठा में धारण कर ले.

चांदी की अंगूठी पहनने से होते हैं ये फायदे

1-विधि-विधान के साथ दाहिने हाथ की कनिष्ठा उंगली में चांदी की अंगूठी पहनने से शुक्र ग्रह और चंद्रमा शुभ परिणाम देते हैं जिसके कारण खूबसूरती में और निखार आता है. इससे चेहरे के दाग-धब्बे मिट जाते हैं और चेहरे की चमक बढ़ती है.

2- कनिष्ठा उंगली में चांदी की अंगूठी पहनने से मस्तिष्क शांत रहता है और अगर आपको बात-बात पर बहुत ज्यादा गुस्सा आता है तो यह उसे भी नियंत्रित करती है.

3- कमजोर चंद्रमा सबसे पहले व्यक्ति की मानसिक क्षमता को कम करता है ऐसे में चांदी की यह अभिमंत्रित अंगूठी चंद्रमा को मजबूत करके आपकी मानसिक क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करती है.

4- अगर आपको कफ, ऑर्थराइटिस, जोड़ो या हड्डियों से जुड़ी कोई भी समस्या है तो चांदी की अंगूठी आपको काफी हद तक फायदा पहुंचा सकती है. इसकी खास बात तो यह है कि यह बहुत जल्दी अपना असर दिखाने लगती है.

5- जिन लोगों को अंगूठी पहनना पसंद नहीं हो वो इस विधि से चांदी की चेन को भी अभिमंत्रित करके पहन सकते हैं. इससे शरीर में वात, कफ और पित्त तीनों का संतुलन बना रहता है. इतना ही नहीं जिन्हें बोलने में दिक्कत या हकलाहट जैसी समस्या होती है उन्हें चांदी की अंगूठी या चांदी के चेन का यह उपाय जरूर करना चाहिए.

गौरतलब है कि चांदी की अंगूठी या चांदी शरीर पर धारण करने के अलावा चांदी से बने बर्तनों में खाने पीने से भी सर्दी-खांसी और साइनस जैसी समस्या दूर होती है. इसलिए किसी ना किसी रुप में हमें चांदी का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए.

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