प्रेग्नेंसी में जरूर पहनें पैरों में बिछिया, शिशु को होंगे ये बड़े फायदे

हर महिला का सपना होता है कि वह शादी के बाद जल्द से जल्द मां बने। मां बनने के लिए एक महिला को अपने खानपान और रहन सहन के साथ साथ अपनी दिनचर्या पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। गर्भवती को सलाह दी जाती है कि उसे इस वक्त ढीले और आरामदायक कपड़े पहनने चाहिए। लेकिन इससे अलग कोई कुछ नहीं बताता है। जैसे- शादी के बाद सभी महिलाएं बिछिया पहनती है। इसे कहीं न कहीं विवाहित महिला की निशान और सोलह श्रंगार का अभिन्न रूप माना जाता है। आप इसे गर्भवती अवस्था में पहन कर कई परेशानियों से बच सकती हैं। आज हम आपको प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के पैरों में बिछिया पहनने के फायदे के बारे में बता रहे हैं।प्रेग्नेंसी में जरूर पहनें पैरों में बिछिया, शिशु को होंगे ये बड़े फायदे

करता है एक्यूप्रेशर का काम
पैरों में बिछिया पहनने से ये एक्यूप्रेशर का काम करती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पैरों की उंगलियों में बिछिया पहनने से दबाब बनता है जो गर्भाशय को स्वस्थ रखता है। ऐसी मान्यता है कि गर्भावस्था के दौरान पैरों में बिछिया पहनने से महिला के पेट संबंधित रोग भी दूर होते हैं और शिशु का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।

तनाव से दिलाते हैं छुटकारा
इस अवस्था में महिलाएं अक्सर तनाव की चपेट में आ जाती हैं। जो महिलाएं वर्किंग होती हैं उन्हें इस दिक्कत का ज्यादा सामना करना पड़ता है। उन्हें इस समस्या से राहत पाने के लिए पैरों में बिछिया पहनी चाहिए क्योंकि इससे दिमाग शांत रहता है। कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान महिला का ब्लड प्रेशर घटने या बढ़ने लगता है जिससे महिला और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है। बिछिया पहनने से ब्लड प्रेशर की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है। यानि कि बिछिया पहनना बहुत अच्छा होता है।

बढ़ाते हैं पॉजिविटी
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को थोड़ा साम काम करते ही थकान हो जाती है। शरीर में एनर्जी लाने के लिए पैरों में चांदी के बिछिया पहनना बहुत अच्छा होता है। चांदी को वैसे भी शरीर के लिए ठंडा माना जाता है। इसे पहन कर जमीन पर चलने से उसके शरीर को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है जो कि गर्भावस्था के लिए बेहद फायदेमंद है। जिससे से उसका दिमाग भी शांत रहता है।

शिशु के लिए भी है फायदेमंद
पैरों में बिछिया पहनना मां के गर्भाशय के लिए भी काफी अच्छा होता है। इसे पहनने से महिला का गर्भ स्वस्थ रहता है। इसे पहनने से महिला के साथ उसके गर्भ में पल रहा बच्चा भी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है। बिछिया गर्भाशय में पल रहे बच्चे को भी ऊर्जा प्रदान करती हैं।

बिछिया पहनने के अन्य फायदे

बिछिया पहनने से महिलाओं को गर्भ धारण में आसानी होती है। चांदी एक गुड कंडक्टर धातु है, अतः यह पृथ्वी की ध्रुवीय ऊर्जा को अवशोषित करके शरीर तक पहुंचाती है। तनावग्रस्त जीवनशैली के कारण अधिकांश महिलाओं का मासिक-चक्र अनियमित हो जाता है। ऐसी महिलाओं के लिए बिछिया पहनना अत्यंत लाभदायक होता है।

ऐसा माना जाता है कि एक बिछिया स्त्री के भीतर ऊर्जा को उत्पन्न करती है। पायल की तरह ही चांदी की बिछिया में भी इच्छा शक्ति उजागर करने की शक्ति होती है जो पहनने वाली स्त्री को हर प्रकार के नकारात्मक प्रभाव से दूर रखती है।
साइटिक नर्व की एक नस को बिछिया दबाती है जिस वजह से आस-पास की दूसरी नसों में रक्त का प्रवाह तेज होता है और यूटेरस, ब्लैडर व आंतों तक रक्त का प्रवाह ठीक होता है। गर्भाशय तक सही मात्रा में रक्‍त पहुंचता रहता है। यह बिछिया अपने प्रभाव से धीरे-धीरे महिलाओं के तनाव को कम करती है।

विज्ञान की माने तो पैरों के अंगूठे की तरफ से दूसरी अंगुली में एक विशेष नस होती है जो गर्भाशय से जुड़ी होती है। यह गर्भाशय को नियंत्रित करती है। रक्तचाप को संतुलित कर इसे स्वस्थ रखती है। बिछिया के दबाव से रक्तचाप नियमित और नियंत्रित रहता है।
इस कारण उनका मासिक-चक्र नियमित हो जाता है। इसका दूसरा फायदा यह है कि बिछिया महिलाओं के प्रजनन अंग को भी स्वस्थ रखने में भी मदद करती है। बिछिया महिलाओं के गर्भाधान में भी सहायक होती है।बिछिया एक्यूप्रेशर का भी काम करती है। जिससे तलवे से लेकर नाभि तक की सभी नाड़िया और पेशियां व्यवस्थित होती हैं।

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