टी-20 में विराट कोहली को इन 5 बड़ी चुनौतियों का करना पड़ सकता है सामना

टीम इंडिया 82 दिनों के लंबे दौरे पर इन दिनों इंग्लैंड का दौरा कर रही है। टीम इंडिया ने आयरलैंड के खिलाफ टी-20 मैच से विजयी आगाज तो कर दिया है । लेकिन अभी टीम को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। खासकर कप्तान विराट कोहली को कठिन परिस्थितयों से जूझना पड़ेगा। ब्रिटिश दौरे पर विराट कोहली को इन 5 बड़ी चुनौतियों से निपटना होगा।टी-20 में विराट कोहली को इन 5 बड़ी चुनौतियों का करना पड़ सकता है सामना
खुद बेहतर प्रदर्शन करते हुए टीम को देना होगा विश्वास
विराट कोहली पूरी दुनिया में अपनी नायाब बल्लेबाजी से क्रिकेट के एक नए युग की शुरुआत कर चुके हैं। सिर्फ इंग्लैंड की सरजमीं पर उन्हें अपने बल्ले का जलवा दिखाना है। 2014 के पिछले ब्रिटिश दौरे में वह बुरी तरह फ्लाप हुए थे। इंग्लैंड की पेस बैटरी के आगे उनका दम निकल गया था। दुनिया भर में उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। पिछले दौरे में ब्रिटिश धरती पर विराट के करिश्माई बल्ले से 5 टेस्टों की 10 पारियों में 1, 8, 25, 0, 39, 28, 0, 7, 6 और 20 तथा 4 वन डे में 0, 40, 1 नाबाद और 13 रन ही निकले थे। विराट के इस तरह से असफल होने से टीम इंडिया टेस्ट सीरीज 1-0 से आगे होने के बाद भी 3-1 से हार गई थी। 59 सालों बाद इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई लेकिन टीम इंडिया की हालत पतली ही रही। 5 वन डे मैचों की सीरीज हालांकि हम 3-1 से जीत गए लेकिन विराट का इसमें भी योगदान नगण्य था। लिहाजा विराट को इस बार यहां कामयाब होकर अपने को दुनिया के सामने प्रमाणित करना होगा। कप्तान विराट कोहली के सफल होने से टीम इंडिया की जीत भी तय है।

इंग्लैंड की खतरनाक फार्म

इंग्लैंड की टीम ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया को 5 वन डे मैचों की सीरीज में धो कर रख दिया है। एलेक्स हेल्स, बेयरस्टो, जेसन रॉय जैसे ब्रिटेन के धाकड़ बल्लेबाज टीम इंडिया के गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ा कररख सकते हैं। वन डे सीरीज में ब्रिटिश बल्लेबाजों ने इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर 481 रन का माउंटेन खड़ा कर दिया है। विराट को इनसे सावधान रहना होगा। इस दौरे में इंग्लैंड से पहले वन डे सीरीज होनी है। आक्रामक फार्म में चल रही ब्रिटिश टीम को रोकने के लिए विराट को गेंदबाजी पर विशेष रणनीति अपनानी होगी। अगर वन डे सीरीज हाथ से गई तो टेस्ट में जीतना और मुश्किल हो जाएगा। इस तरह इस दौरे में वन डे सीरीज विराट के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है।

तीसरे और चौथे नंबर पर संतुलन बैठाना होगा

टीम इंडिया में इस समय केएल राहुल-दिनेश कार्तिक और सुरेश रैना की मौजूदगी तीसरे और चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए एक नई चुनौती विराट के सामने पेश कर रही है। विराट ने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर टी-20 सीरीज के दौरान खुद की जगह रैना को मौका दिया था। वहीं कार्तिक ने निदहास ट्रॉफी में चमत्कारिक प्रदर्शन किया है। अभी विराट हालात का हवाला देते हुए इन नंबरों पर अलग-अलग बल्लेबाजों के उतरने को उचित करार दे देते हैं लेकिन मुश्किल यहीं पैदा हो सकती है। इसमें संतुलन बैठाना विराट के लिए चुनौती है। विराट को इससे निपटने के लिए सबसे पहले अपना स्थान तीन नंबर पर तय रखना चाहिए। हालात कुछ भी हो उन्हें तीन नंबर पर ही उतरना चाहिए। चार और पांच नंबर पर इन तीन बल्लेबाजों को स्थिति अनुसार उतारना चाहिए।

इंग्लैंड की स्विम कंडीशन और एंडरसन का प्रहार

पिछले दौरे में इंग्लैंड के कोहिनूर गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने आउट साइड द ऑफ स्टंप विराट को झकझोर कर रख दिया था। विराट के फ्रंटफुट पर हर कोई ऊंगली उठाने लगा था। हालांकि अब पिछले दौरे को चार साल बीत चुके हैं। और विराट ने फ्रंटफुट पर अपने टाइम को लेकर काफी काम भी किया है। अब वह आउट साइड द ऑफ स्टंप की गेंदों पर सही टाइम कर रहे हैं। लेकिन जब तक वह जेम्स एंडरसन पर इंग्लैंड की धरती में काबू नहीं पा सकेंगे तब तक कुछ भी कहना कठिन है। उन्हें एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड को विश्वास के साथ सही ढंग से खेलना होगा। अगर वह यहां इन दो गेंदबाजों के सामने कामयाब हो गए तो निश्चित तौर पर वह बल्लेबाजी की नई परिभाषा हो जाएंगे।

ब्रिटिश सरजमीं का मनोवैज्ञानिक दबाव

दक्षिण अफ्रीका-ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में गेंद की स्विंग और कंडीशन पर काबू पाना किसी भी बल्लेबाज के लिए एक बड़ी चुनौती है। भारतीय टीम ने सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे बल्लेबाजों की मौजूदगी के बीच 2011 में 4 टेस्टों की सीरीज 4-0 से गंवाई है। लिहाजा विराट कोहली को इंग्लैंड की कंडीशन को संभालते हुए पूरी टीम में जीत का जज्बा भरना होगा। टीम में अभी एकजुटता है। जिसे पूरे दौरे में कायम रखना होगा। विराट को याद रखना होगा कि पिछले साल चैंपियंस ट्राफी में फाइनल में टीम इंडिया को पाकिस्तान ने बड़ी आसानी से पटखनी दे दी थी। 2019 में इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप के लिए यह टीम इंडिया और विराट के लिए करारा झटका था। पूरे टूर्नामेंट में टीम इंडिया ने बेहतर प्रदर्शन किया था। सबसे पहले मैच में ही पाक को बड़ी आसानी से हराया था। लेकिन विजेता बनने से चूक गए थे। फाइनल मैच का दबाव विराट की बल्लेबाजी पर साफ दिखा था। इस तरह विराट को इस पूरे इंग्लैंड दौरे में चैंपियंस ट्राफी का फाइनल याद रखना होगा। उसकी हार को याद रखते हुए तमाम कमियों पर ध्यान देते इस दौरे को यादगार बनाने की पूरी कोशिश करनी होगी। ऐसी जीत हासिल करनी होगी जो आगाामी विश्व कप के लिए टीम इंडिया को विश्वास से भर दे।    
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