Video: स्वरा भास्कर बनेंगी ‘अनारकली ऑफ आरा’, जो गाती है अश्लील गाने
‘निल बट्टे सन्नाटा’ से बॉलीवुड में लीड हीरोइन के रूप में खुद को साबित कर चुकी स्वरा भास्कर इस साल एक और दमदार विषय के साथ धमाल मचाने वाली हैं। इस बार स्वरा कोई सीधी-साधी मां और कामवाली की भूमिका में नहीं बल्कि एक देसी गायिका की भूमिका में नजर आएंगी। एक ऐसी देसी गायिका जो ‘अश्लील’ गाने गाती है।
प्रियंका के साथ तुलना करने पर दीपिका ने दिया ये करारा जवाब, कहा…
‘अनारकली ऑफ आरा’ एक सोशल म्यूजिकल ड्रामा है। अनारकली बिहार की राजधानी पटना से चालीस किलोमीटर दूर आरा शहर की एक देसी गायिका है, जो मेलो-ठेलों, शादी-ब्याह और स्थानीय आयोजनों में गाती है। यह फिल्म एक ऐसी घटना से जुड़ी है, जिसके बाद अनारकली का जीवन एक उजाड़, डर और विस्थापन के कोलाज में बदल जाता है।
24 मार्च को रिलीज होगी फिल्म
‘अनारकली ऑफ आरा’ 24 मार्च को रिलीज होगी। पत्रकारिता से फिल्मी दुनिया में कदम रखने वाले अविनाश दास इस फिल्म के जरीए निर्देशन में डेब्यू कर रहे हैं। अविनाश दास ने इस फिल्म का निर्देशन भी किया है और अनारकली की कहानी भी उन्होंने ही लिखी है। अनारकली में स्वरा भास्कर के अलावा संजय मिश्रा, पंकज त्रिपाठी और इश्तियाक़ ख़ान भी मुख्य भूमिका में हैं।
भाभी जी घर पर हैं की गुलफाम कली की ये तस्वीरें देखकर उड़ जाएगे आपके होश
स्वरा का कहना है कि यह एक ऐसी फिल्म है, जो दर्शकों को जरूर देखनी चाहिए। एक ट्वीट में स्वरा ने कहा, ‘जी आपके आर्शिवाद से। घोषणा है कि अनारकली ऑफ आरा 24 मार्च, 2017 को रिलीज हो रही है। इसे देखना न भूलें।’
निर्देशक अविनाश दास का कहना है कि अनारकली के गीत लोगों के मन के दबे हुए तार छेड़ते हैं। उसे सुनने वाले उस पर फिदा हो जाना चाहते हैं और अनारकली अपने प्रति लोगों की दीवानगी को अपनी संगीत यात्रा में भड़काती चलती है। उसके प्रेम का अपना अतीत है और सेक्स पर समझदारी के मामले में रूढ़ीवादी भी नहीं है। इतनी खुली शख्सीयत के बावजूद उसके पास एक आत्मसम्मान है, जिसका एहसास वह कई मौकों पर सामने वाले को कराती भी रहती है।’
उन्होंने अनारकली के किरदार के बारे में बताया, ‘वह एक तेवर रखती है, जिसमें जमाने की परवाह नहीं है, लेकिन रिश्तों के मामले में संवेदनशील भी है। फिल्म में उसके इर्दगिर्द पांच लोग हैं- जो उसके प्रेम के एक ही धागे में बंधे हैं। सब अपनी-अपनी तरह से अनारकली को प्रेम करते हैं। लेकिन आखिर में अनारकली को अकेले ही अपने रास्ते पर जाना है और वही होता है। पूरी कहानी में मुश्किल से मुश्किल मौकों पर उसकी आंखें आंसू नहीं बहाती और बाहर की उदासी को वह अपनी हिम्मत से खत्म करने की कोशिश करती है।’
अविनाश दास का दावा है कि अनारकली एक ऐसा किरदार है, जो हिंदी सिनेमा में अब तक नहीं आया है।
[youtube youtubeurl=”yVMvb_QW8f4″ ][/youtube]