आश्वासन के बाद बुजुर्ग किसान धर्मा पाटिल के शव का अंतिम संस्कार करने को तैयार हुआ परिवार

मुंबई में 22 जनवरी को खुदकुशी की कोशिश करनेवाले बुज़ुर्ग किसान धर्मा पाटिल ने जेजे अस्पताल में दम तोड़ दिया. ज़मीन की उचित कीमत नहीं मिलने से नाराज होकर उन्होंने जहर पी लिया था. 84 साल के धर्मा पाटिल के परिवार ने उनका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था, लेकिन लिखित आश्वासन मिलने के बाद परिवार उनका अंतिम संस्कार करने को तैयार हो गया है. इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है.

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा है कि ये ख़ुदकुशी नहीं हत्या है और कांग्रेस पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन करेगी. राज्य सरकार के दो मंत्री भी पीड़ित परिवार से मिलने अस्पताल पहुंचे. 22 जनवरी को मंत्रालय में खुदकुशी की कोशिश करने वाले किसान धर्मा पाटिल की रविवार शाम जेजे अस्पताल में मौत हो गई. जमीन की उचित कीमत नही मिलने से नाराज हो कर धर्मा पाटिल ने जहर पी लिया था.

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राज्य के ऊर्जा मंत्री ने भी फ़ोन पर बातकर आश्वाशन दिया कि ‘सरकार मामले में गंभीर है. धर्मा पाटिल समेत स्थानीय 199 हेक्टर क्षेत्र के सभी किसानों को समान मुआवजा देने के लिए कलेक्टर से कहा गया है. कलेक्टर इस मामले मे सर्वेक्षण कर मंगलवार को अपना रिपोर्ट देंगे. मैं धर्मा पाटिल के परिजनो को आश्वस्त करता हूं कि उनके साथ कोई अन्याय नही होगा. जो अन्य किसानो को मिला है. उसी आधार पर धर्मा पाटिल के परिजनों को भी मुआवजा मिलेगा. हालांकि पाटिल के बेटे का कहना है जब तक लिखित आश्वाशन नहीं मिलेगा वह धरने पर बैठे रहेंगे.

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने धर्मा पाटिल खुदकुशी मुद्दे पर सरकार को घेरा है. उनका कहना है ये खुदकुशी नहीं हत्या है. धर्मा पाटिल के परिवार को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस आंदोलन करेगी. राज्य के दो मंत्री जय कुमार रावल और गिरीश महाजन भी जेजे अस्पताल पहुंचे और धर्मा पाटिल के बेटे को फुटपाथ पर से अस्पताल के अंदर ले गए. सरकार समझाने की कोशिश में है.

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