उत्तराखण्ड में बढ़ेगा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना का दायरा, ये मिलेगा लाभ

देहरादून: प्रदेश सरकार वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना का दायरा बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसमें तकरीबन छह और नए उद्योग शामिल किए जा रहे हैं जिससे युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए मदद मिलेगा। अब बाजार से बाहर हो चुके उद्योगों को इससे हटाने की भी तैयारी है। माना जा रहा है कि गुरुवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में यह मसला लाया जा सकता है। उत्तराखण्ड में बढ़ेगा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना का दायरा, ये मिलेगा लाभ

प्रदेश में इस समय युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार मौजूदा वर्ष को रोजगार वर्ष के रूप में भी मना रही है। इसका मकसद यह कि युवा स्वरोजगार स्थापित करने के साथ ही अन्य के लिए रोजगार के अवसर भी मुहैया कराएं। सरकार की मंशा इससे पलायन पर भी रोक लगाने की है। स्वरोजगार देने के लिए चलाई जा रही योजनाओं में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना काफी सफल साबित हुई है। 

इस योजना के तहत यात्री वाहन खरीदने के साथ ही होटल, मोटेल, पेईंग गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, फास्टफूड सेंटर, टेंट आवास, मोटर वर्कशाप, साहसिक पर्यटन के लिए उपकरण खरीदने, योग ध्यान केंद्र व कुटीर उद्योग स्थापित करने के लिए सब्सिडी युक्त ऋण दिया जाता है। ऋण की आसान किस्त होने के कारण प्रदेश में इस योजना ने खासी रफ्तार भी पकड़ी हुई है। 

अब प्रदेश सरकार इस योजना का दायरा बढ़ाने की तैयारी कर रही है। प्रस्तावित योजना के तहत इसमें अब बेकरी, एंगलिंग, रेंट मोटर बाइक, लौंड्री व स्काई ग्लेजिंग आदि उद्योगों को भी शामिल किया जा रहा है। मकसद यह है कि अधिक से अधिक युवा इन क्षेत्रों में सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकें। इसके अलावा ऐसे उद्योगों को योजना के दायरे से बाहर किया जा रहा है, जिनका अब इस्तेमाल नहीं होता। इसमें पब्लिक फोन बूथ (पीसीओ) भी शामिल है। अब पीसीओ का उपयोग नहीं होता इसलिए इसे अब इसे दायरे से बाहर किया जा रहा है। इसका बाकायदा पूरा प्रस्ताव तैयार हो चुका है। कैबिनेट से पारित होने के बाद इस योजना के तहत प्रस्तावित उद्योगों के लिए भी युवा ऋण ले सकेंगे।    

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