UP: 48 घंटों में यूपी में तेज आंधी-पानी के साथ ओला वृष्टि की संभावना

पश्चिम से पूरब तक पिछले कुछ दिनों के दौरान तबाही मचाने वाला मौसम अभी राहत देने के मूड में नहीं है। अगले दो-तीन दिनों तक इसका मिजाज बिगड़ा ही रहेगा। खासकर पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में। इन क्षेत्रों के कई जिलों के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है। मौसम केंद्र लखनऊ के प्रभारी निदेशक जेपी गुप्ता के अनुसार अगले 48 घंटों के दौरान पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के कुछ क्षेत्रों में तेज हवा और गरज के साथ बारिश हो सकती है।

UP: 48 घंटों में यूपी में तेज आंधी-पानी के साथ ओला वृष्टि की संभावना

कुछ क्षेत्रों में ओला वृष्टि भी हो सकती है।

मौसम के अप्रत्याशित रवैये से गोरखपुर, बस्ती, मऊ, गाजीपुर, अंबेडकरनगर, संतकबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, पीलीभीत, रामपुर, बरेली, बदायूं, अलीगढ़, एटा, महामाया नगर, मथुरा, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, मुरादाबाद, मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर और बागपत जिले प्रभावित हो सकते हैं। बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा से सटे इलाकों में मौसम अधिक अप्रत्याशित हो सकता है।

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भारी बारिश वाले क्षेत्रों में फसलों, फलों और सब्जियों को क्षति

हालांकि अधिकांश क्षेत्रों में गेहूं की फसल कट चुकी है। गन्ना वाले क्षेत्र में जहां देर में बोआई होती है, वहीं पांच से 10 फीसद फसल या तो खेत में खड़ी है या कट कर पड़ी है। दोनों स्थितियों में किसानों को क्षति होगी। गेहूं के दाने काले पड़ जाएंगे। फसल दो-तीन दिन तक पड़ी रही तो जमीन से संपर्क के नाते उनका अंकुरण भी हो सकता है। हरे चारे के लिए यह बारिश उपयोगी है। बारिश से मिली नमी के सहारे किसान खरीफ की तैयारियां भी शुरू कर सकते हैं।

उद्यान विभाग के पूर्व निदेशक डा. एसपी जोशी के अनुसार लता वर्ग की उन सब्जियों को क्षति पहुंचेंगी जहां खेत में पानी लगा हो। आम की फसल भी वहीं प्रभावित होगी जहां फल सीधे हवा के सामने पड़े होंगे। डा.जोशी के अनुसार इस साल आम की फसल ठीक-ठाक है जिन क्षेत्रों में सिर्फ बारिश हुई है वहां फलों के लिए यह ठीक है। बारिश के पानी से धुलने के कारण कीटों और रोगों का बहुत हद तक प्राकृतिक नियंत्रण हो जाता है। पत्ते धुल जाते हैं। इससे पौधों के भोजन बनाने की प्रक्रिया (फोटो सिंथेसिस) के साथ फलों की बढ़वार भी तेज हो जाती है। 

 
 
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