उन्नाव गैंगरेप केस: 260 दिन बाद FIR, माननीय को बचाने का ऐसे चलता रहा खेल
उन्नाव गैंगरेप केस में आरोपी बीजेपी विधायक के खिलाफ 260 दिन बाद केस दर्ज होने के बाद यूपी सरकार ने सीबीआई जांच का फैसला किया है. इस केस की जांच अब सीबीआई के हवाले कर दी गई है. इससे पहले कल हुई एसआईटी जांच पर पुलिस, प्रशासन और अस्पताल स्तर पर बड़ी लापरवाही सामने आई है. लेकिन आरोपी विधायक की गिरफ्तारी के सवाल पर यूपी के डीजीपी ओपी सिंह कहा कहना है कि वह अभी सिर्फ आरोपी हैं. उनके गिरफ्तारी का फैसला सीबीआई करेगी.
इस केस के बारे में जानकारी के लिए यूपी के प्रधान सचिव गृह अरविंद कुमार और डीजीपी ओपी सिंह सामने आए. अरविंद कुमार ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई थी, जिसमें एडीजी लखनऊ जोन शामिल थे. उन्होंने पीड़िता, उसकी मां और आरोपी विधायक पक्ष के बयान दर्ज किए. तीन स्तर पर जांच की गई है. पहली जांच एसआईटी, दूसरी डीआईजी जेल और तीसरी डीएम उन्नाव को सौंपी गई थी. इसमें कई स्तर पर लापरवाही सामने आई है.
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि विधायक जी के खिलाफ दोष साबित नहीं हुआ है. उनके खिलाफ सिर्फ आरोप लगा है. पीड़िता की मां की तहरीर के आधार पर उन पर आईपीसी की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो कानून के तहत केस दर्ज किया गया है. इस केस की जांच की सिफारिश सीबीआई से की गई है. इस मामले की जांच अब सीबीआई ही करेगी और विधायक को गिरफ्तार करना है या नहीं यह उसका फैसला होगा. डीजीपी ने आरोपी को ‘माननीय विधायक’ भी बोला है.