उन्नाव गैंग रेपः CBI ने पेश की प्रोग्रेस रिपोर्ट

उन्नाव गैंग रेप मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को मामले की सुनवाई की. इस दौरान जांच एजेंसी सीबीआई ने हाईकोर्ट के समक्ष इस पूरे मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे में पेश की. इससे पहले बीती 13 अप्रैल को हाई कोर्ट ने सीबीआई को प्रोग्रेस रिपोर्ट देने का फरमान सुनाया था.

बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सीबीआई ने उन्नाव गैंग रेप केस की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की. हाई कोर्ट ने जांच एजेंसी को दो मई को दस बजे तक प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. यही नहीं कोर्ट ने सीबीआई को 20 जून 2017 और अन्य मामलों की प्राथमिकी की विवेचना का फरमान भी सुनाया था.

इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कोर्ट ने जमानत पर छूटे आरोपियों की जमानत निरस्त कराने का भी आदेश दिया था. इस मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर आरोपी हैं.

पुलिस पर शिकायत बदलने का आरोप

इससे पहले मंगलवार को पीड़िता के परिवार ने पुलिस पर उनकी शिकायत बदलने का आरोप लगाया था. उनका कहना है कि जब केस सीबीआई के हवाले किया गया तो पुलिस ने उनकी शिकायत को फर्जी तरीके से बदलकर सीबीआई के अधिकारियों को सौंपा ताकि आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का पक्ष मजबूत हो सके.

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आरोपी विधायक को बचाने की कोशिश

पीडित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने फर्जी तरीके से उनकी शिकायत को बदला है. पीडित परिवार के मुताबिक बदली हुई तहरीर में पीडित परिवार की तरफ से फर्जी अंगूठा और दस्तखत भी किए गए हैं. आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बचाने के लिये पीडिता की तहरीर को बदल कर पूरे मामले को बदलने की कोशिश की गई है.

सीबीआई ने नहीं की सुनवाई

पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी दी हुई तहरीर को बदलकर सीबीआई को दिया गया. जिससे मामले में विधायक का पक्ष मजबूत हो सके. पीड़ित परिवार ने इस मामले की शिकायत सीबीआई से भी की. फिर भी इस मामले में उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.

निराश होकर पीड़ित परिवार ने सारी शिकायतों के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्नाव पुलिस और सीबीआई के फर्जीवाड़े की शिकायत करने लिये पीड़ित परिवार इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है.

विधायक पर गैंगरेप-हत्या का आरोप

गैंगरेप पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ 4 जून 2017 को बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और उनके साथियों ने गैंगरेप था. उसने बीजेपी विधायक से रेप का विरोध किया, तो उसने परिवार वालों को मारने की धमकी दी. जब वो थाने में गई तो एफआईआर नहीं लिखी गई. इसके बाद तहरीर बदल दी गई. वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ गई.

पिता को बर्बरता से पीटने का आरोप

पीड़िता ने कहा, ‘मुख्यमंत्री से आरोपी विधायक की शिकायत की थी. उन्होंने इंसाफ का भरोसा दिलाया था, लेकिन एक साल हो गया. अब तक कुछ नहीं हुआ. दिल्ली से उसके पिता गांव आए, तो विधायक के लोगों ने उनको बहुत मारा. उनको घसीटकर ले गए . पीटने के बाद उन्हें अपने घर के बाहर फेंक दिया. इसके बाद उन्हें जेल में बंद कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई है.’

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