केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री ने बारामुला का किया दौरा, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का किया ई-उद्घाटन

केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री डा. सुभाष सरकार वीरवार को बारामुला का दौरा किया। अपने दौरे के दौरान उन्होंने विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधमंडलों से मुलाकात करने के अलावा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों संग बैठक में विकास योजनाओं का भी जायजा लिया। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग से संबधित विभिन्न परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। मंत्री ने समग्र शिक्षा के तहत मुंडजी डंगरपोरा सोपोर में स्थापित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का ई-उद्घाटन किया। यह परियोजना 113.12 लाख रुपये की अनुमानित लागत से पूरी की गई है, जिसमें 50 छात्राओं के लिए आवास की सुविधा है।

उन्होंने टोड्डलर डेवल्पमेंट कोर्स असाइनमेंट नामक एक पुस्तिका का अनावरण किया, जिसे एनसीईआरटी के प्री-स्कूल पाठ्यक्रम के प्रकाश में डिजिटल संसाधन समूह, मुख्य शिक्षा कार्यालय बारामुला द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने बारामुला में छात्रों को भी संबोधित किया। उन्होेंने बताया कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर की शैक्षिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि कश्मीर हमेशा युवाओं को अधिक प्रतिभाशाली और उत्पादक बताने के अलावा शिक्षा और ज्ञान का उद्गम स्थल रहा है।

उन्होंने शिक्षा के बुनियादी स्तर को उन्नत करने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए बताया कि डिजिटल शिक्षा पर अधिक जोर दिया जा रहा है। इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि नीति शैक्षिक आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है, क्योंकि यह छात्रों के लिए बहु-विषयक और लचीले विषयों के विकल्प के अलावा गतिविधि आधारित ज्ञात पर आधारित है। मंत्री ने कार्यक्रम में कई रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले छात्रों को भी सम्मानित किया। कई शैक्षणिक परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्रों को भी केंद्रीय मंत्री ने सम्मानित किया।

दिव्यांग बच्चों को उपकरण वितरित : बाद में मंत्री ने डाक बंगला बारामुला का दौरा किया, जहां दिव्यांगों के बीच कुछ सहायक उपकरण वितरित किए। समाज कल्याण विभाग बारामूला द्वारा व्हील चेयर, श्रवण यंत्र आदि से युक्त उपकरणों की खरीद की गई। मंत्री ने डीडीसी सदस्यों, बीडीसी अध्यक्षों, एमसी अध्यक्षों और पीआरआई के साथ एक संवादात्मक बैठक की अध्यक्षता की और उनकी विकास संबंधी आकांक्षाओं और चिंताओं को सुना। इस अवसर पर, संबंधित हितधारकों ने अपनी शिकायतों से अवगत कराया और समाज के समग्र विकास के लिए अपनी मांगों को रखा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का जम्मू-कश्मीर के विकास हेतु प्रयासरत है और वर्तमान आउटरीच कार्यक्रम सरकार द्वारा जमीनी स्तर पर लोगों की बुनियादी समस्याओं को जानने के लिए शुरू किया गया है।

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