‘मिस्ट्री शॉपर टीम’ का हुआ गठन, रेलवे की खामियों को उजागर करेंगे अंडर कवर एजेंट…

ट्विटर पर रेल यात्रियों की तमाम शिकायतों को देखते हुए रेल मंत्रालय ने उत्तर मध्य रेलवे समेत तमाम जोनल रेलवे में अपने जासूस तैनात किए हैं। कहने को तो ये रेलवे के अंडर कवर एजेंट हैं, लेकिन रेलवे बोर्ड ने इन्हें ‘मिस्ट्री शॉपर टीम’ का नाम दिया है।

इसकी जानकारी न ही संबंधित जोन के जीएम को होगी और न ही डीआरएम को। संबंधित एजेंट रेलवे स्टेशनों एवं कार्यालयों में व्याप्त खामियों की सीधी रिपोर्ट रेलमंत्री और सीआरबी (चेयरमैन रेलवे बोर्ड) को करेंगे। 

दरअसल अगले वर्ष लोकसभा चुनाव होने हैं। इसे देखते हुए रेल मंत्रालय ने यात्री सुविधा के मद्देनजर तमाम तैयारियां शुरू की हैं। रेलवे की मंशा है कि यात्रियों की सभी छोटी-बड़ी सुविधाओं का ख्याल रखा जाए। यूं तो ट्विटर के माध्यम से रेल प्रशासन यात्रियों की समस्याएं एवं शिकायत सुनने के बाद उनका निस्तारण करता है, लेकिन सरकारी मशीनरी में कुछ खामियों की वजह से यात्री संतुष्ट नहीं हो पाते।

इसे देखते हुए रेल मंत्री की पहल पर ‘मिस्ट्री शॉपर टीम’ का गठन किया गया है। यह टीम सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर तैनात की जा रही है। कुछ स्टेशनों पर टीम तैनात भी हो चुकी है। इनकी पहचान भी गुप्त रखी गई है। यहां तक की जोनल जीएम और डीआरएम को भी टीम के सदस्यों के बारे में नहीं बताया गया है।

रेलवे के यह अंडर कवर एजेंट रेलवे द्वारा यात्रियों को दी जा रही सुविधाओं का फीडबैक रेलमंत्री और सीआरबी को देंगे। यह भी देखा जाएगा कि संबंधित जोनल रेलवे के अफसर यात्री सुविधा से जुड़ी शिकायतों को कितनी गंभीरता से लेते हैं। 

खानपान और यात्री सुरक्षा पर रहेगी विशेष निगरानी

रेलवे की ‘मिस्ट्री शॉपर टीम’  खानपान पर विशेष नजर रखेगी। स्टेशनों में एवं ट्रेनों में यात्रियों को खाना-पीना कैसे मिल रहा है। उसकी गुणवत्ता कैसी है, उसकी जानकारी टीम के सदस्यों द्वारा आम यात्री बनकर की जाएगी। रेलवे स्टेशन की साफ सफाई, वहां उपलब्ध संसाधन को भी यह टीम परखेगी। आरपीएफ और जीआरपी की कार्यप्रणाली पर भी टीम नजर रखेगी।
यात्री बनकर टीम के सदस्य परखेंगे कि आरपीएफ और जीआरपी उनकी शिकायतों को कितनी गंभीरता से ले रही है। स्टेशनों के रिजर्वेशन काउंटर से मिलने वाले तत्काल टिकट वितरण की व्यवस्था पर भी रेलमंत्री के जासूसों की नजर रहेगी। हर एक वाकये का टीम बनाएगी वीडियो
रेलवे के अंडर कवर एजेंट ट्रेनों एवं स्टेशनों में मिलने वाली खामियों का वीडियो भी बनाएंगे। यह वीडियो रेलमंत्री और सीआरबी को भेजा जाएगा। ताकि अगर कोई अफसर अपना पल्ला झाड़ता है तो उसे संबंधित वीडियो दिखाया जा सके। 

‘निश्चित ही यह रेल मंत्रालय का सकारात्मक कदम है। यात्रियों की समस्याओं को लेकर रेल प्रशासन गंभीर है। बोर्ड द्वारा ही इस विशेष टीम की निगरानी की जा रही है। इस वजह से एनसीआर प्रशासन को संबंधित टीम के बारे में जानकारी नहीं है।’

Back to top button