उत्तराखंड में ये दो नदियां भी हो सकती हैं नमामि गंगे में शामिल, जानिए कौन हैं वो…

देहरादून: प्रदेश सरकार देहरादून की रिस्पना और बिंदाल नदियों को नमामि गंगे परियोजना में शामिल कराने का प्रयास करेगी। नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा करते हुए वित्त एवं पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे से संबंधित कार्य से पूरे देश में उत्तराखंड की एक अलग पहचान बनेगी। उत्तराखंड में ये दो नदियां भी हो सकती हैं नमामि गंगे में शामिल, जानिए कौन हैं वो...

विधानसभा में नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा करते हुए पेयजल मंत्री ने कहा कि इससे संबंधित घाट, शवदाह आदि के कार्य सिंचाई एवं वेबकॉस के माध्यम से चल रहे हैं। परियोजना के तहत गंगा के किनारे व्यापक वृक्षारोपण एवं जैव विविधता संरक्षण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हरिद्वार एवं ऋषिकेश में कार्य के लिए नेटवर्क बढ़ाया जाए। बैठक में बताया गया कि राज्य से संबंधित नमामि गंगे परियोजना के 1134 करोड़ रुपये के 65 कार्य सीवरेज व नालाटेपिंग से संबंधित हैं। इन कार्यों में तेजी लाने के मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने वर्तमान में जारी 970 करोड़ रुपये लागत के 61 कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। शेष चार कार्य अभी शुरू होने हैं। 

पेयजल मंत्री ने कहा कि प्रत्येक माह सचिव और त्रैमासिक रूप से वह स्वयं परियोजना की प्रगति की समीक्षा करेंगे। परियोजना से संबंधित पेयजल, जल संस्थान एवं सिंचाई विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि ऑनलाईन मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया जाए। जिलों में डीएम के साथ बैठक कर जन जागरूकता अभियान चलाया जाए। गंगा में ट्रीटमेंट के बाद ही पानी गिराया जाए। बैठक में केंद्र सरकार के कार्यकारी निदेशक नमामि गंगे हितेश कुमार, सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर नमामि गंगे राघव लांगर भी मौजूद थे। 

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