तर्पण कर मांगा बुजुर्गों का आर्शीवाद, पितरों के रहेंगे आने वाले 14 दिन

भोपाल। बुधवार से पितृ पक्ष की शुरुआत हो गई। इस बार पितृ पक्ष 14 दिन के ही होंगे। इसका कारण पंचमी तिथि का क्षय होना है। सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या 19 को होगी, जबकि स्नान-दान की अमावस्या 20 सितंबर को रहेगी। 
तर्पण कर मांगा बुजुर्गों का आर्शीवाद, पितरों के रहेंगे आने वाले 14 दिन
 -इस दौरान लोग अपने पितरों को याद करने के साथ ही उनके निमित्त पिंडदान, तर्पण व श्राद्ध आदि कर आस्था प्रकट करेंगे। इस बार पूर्णिमा व प्रतिपदा एक ही दिन होने और पंचमी तिथि का क्षय होने के कारण पितृ पक्ष 16 की बजाए 14 दिन रहेंगे।
-पं. भंवरलाल शर्मा ने बताया कि 11 सितंबर को पंचमी व छठ तिथि एक दिन रहने से दोनों दिन के श्राद्ध कर्म एक साथ किए जा सकेंगे। पिता के लिए अष्टमी का श्राद्ध 13 को माता का श्राद्ध मातृ नवमी पर 14 सितंबर को रहेगा।

यहां होंगे तर्पण

पं. रामजीवन दुबे के अनुसार प्रत्येक पात्र व्यक्ति को अपने पूर्व की तीन पीढ़ियों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध कर्म और पिंडदान करना चाहिए। इसके तहत सैकड़ों लोग गिन्नौरी मंदिर, काली मंदिर, भवानी मंदिर हबीबगंज, खटलापुरा व शीतलदास की बगिया आदि घाटों और गायत्री शक्तिपीठ आदि स्थानों पर तर्पण करने पहुंचे।

सर्व-पितृ मोक्ष अमावस्या 19 को

पं. प्रहलाद पंड्या के अनुसार 19 सितंबर को सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या रहेगी। इस दिन दोपहर में अमावस्या तिथि रहने से सर्व पितरों के निमित्त, पिंडदान, श्राद्ध व तर्पण किया जा सकेगा। अगले दिन 20 सितंबर को सुबह 11.15 तक ही अमावस्या तिथि रहेगी। जो लोग नाना का श्राद्ध करते हैं, वे इस दिन कर सकेंगे। इनके लिए पितृ पक्ष 15 दिन का रहेगा।
-अमावस्या सुबह तक रहने से इस दिन पवित्र नदियों में स्नान व दान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गत दो वर्षों से पितृ पक्ष 15 दिन के ही हो रहे हैं। मान्यता है कि पितृ पक्ष से जुड़े कर्मकांड दोपहर में किए जाते हैं, इससे 19 को ही पितृ मोक्ष अमावस्या मनाई जाएगी। अगले दिन यह तिथि सुबह 11.15 तक ही रहने के कारण इस दिन इसे स्नान-दान की अमावस्या माना जाएगा।
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