टोक्यो ओलंपिक्स: पुरुष हॉकी टीम ने रचा इतिहास, 41 साल बाद जीता मेडल..

टोक्यो ओलंपिक्स के पुरुष हॉकी मुकाबले में भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया है। कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में भारत ने जर्मनी को 5-4 से हरा दिया। इस तरह 41 साल बाद भारत को ओलंपिक में पदक मिला है। शुरू में भारतीय टीम 0-1 से पीछे हो गई थी, लेकिन इसके बाद दनादन गोल किए। मैच का पहला गोल जर्मनी ने किया और खबर लिखे जाने तक भारतीय टीम ने 5-3 से बराबरी कर ली है। जर्मनी दूसरे मिनट में ही 1-0 से आगे हो गया। जर्मनी को एक लॉन्ग कॉर्नर मिला और उन्होंने हिट का पूरा फायदा उठाया। डी क्षेत्र के अंदर एक रिवर्स हिट से जर्मनी को पहला गोल मिला। इसके बाद दूसरे क्वार्टर में भारत ने जबरदस्त वापसी की और एक के बाद एक तीन गोल ठोंक दिए। हालांकि इस दौरान जर्मनी ने भी 2 गोल किए। आखिली पलों तक तक मैच रोमांचक रहा। आखिरी मिनट में जर्मनी को पेनाल्टी कॉर्नर मिला था, लेकिन गोल नहीं कर पाए। भारत ने आखिरी बार 1980 ओलंपिक में गोल्ड जीता था

31वें मिनट में मनदीप सिंह के पहल के बाद भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला। जर्मनी ने चैलेंज किया लेकिन फायदा नहीं हुआ। रुपिंदर सिंह ने स्ट्रोक का फायदा उठाया और टीम को 4-3 से बढ़त दिला दी। इसके बाद 34वें मिनट में गुरजंत सिंह काउंटर रन के साथ सिमरनजीत को पास किया जिन्होंने उसे गोल में बदलकर 5-3 की लीड दिला दी।

ओलंपिक में भारतीय हॉकी का इतिहास

भारत ओलंपिक में सबसे सफल टीम है जिसने 8 स्वर्ण पदक जीते हैं। लेकिन पुरुष हॉकी टीम ने 1980 में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से कोई पदक नहीं जीता है। स्वर्ण पदक जीतने का सपना कुछ दिन पहले ही समाप्त हो गया। हालांकि भारत के पास कांस्य पदक के साथ अभियान खत्म करने का मौका है। भारतीय हॉकी के इतिहास में यह एक बहुत बड़ा क्षण है क्योंकि आज की जीत क्रिकेट के प्रति जुनूनी देश में हॉकी को फिर से जिंदा करने के लिए जरूरी है।

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