आज प्रयागराज में विसर्जित होंगी, यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह की अस्थियां…

उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अस्थियां आज शुक्रवार को प्रयागराज में विसर्जित होंगी। गंगा, यमुना और अदृश्‍य सरस्‍वती के संगम में अस्थि विसर्जन किया जाएगा। कल्‍याण सिंह का अस्थि कलश उनके पुत्र सांसद राजवीर सिंह और यूपी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य लेकर आ रहे हैं। उनके साथ में परिवार के अन्य सदस्य व भाजपा पार्टी के कार्यकर्ता भी मौजूद रहेंगे।

संगम पर प्रशासन ने व्‍यवस्‍था दुरुस्‍त की

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का हेलीकाप्टर शुक्रवार की दोपहर 12:15 बजे प्रयागराज के पुलिस लाइन में उतरेगा। उसके बाद वह सर्किट हाउस जाएंगे। वहां विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। उसके बाद संगम में कल्‍याण सिंह के अस्थि विसर्जन के लिए रवाना होंगे। इसके लिए प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। संगम पर घाट को दुरुस्त करने व अन्य सुविधाओं को व्यवस्थित किया गया है।

कल्‍याण सिंह ने प्रयागराज को दी थी सौगात

यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री व हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्‍यपाल कल्‍याण सिंह ने प्रयागराज को मुक्‍त विश्‍वविद्यालय की सौगात दी थी। यह सौगात थी उत्‍तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्‍त विश्‍वविद्यालय की। यूपी के पूर्व शिक्षा मंत्री नरेंद्र कुमार सिंह गौर ने कल्‍याण सिंह से मुक्‍त विश्‍वविद्यालय के लिए मांग की थी। उस समय यह तय कर दिया गया था कि पुरुषोत्‍तमदास टंडन के नाम पर यह मुक्‍त विश्‍वविद्यालय होगा।

नकल रोकने संबंधी अध्‍यादेश भी किया था पारित

कल्‍याण सिंह ने माध्‍यमिक शिक्षा को सुधारने के लिए नकल रोकने संबंधी अध्‍यादेश पारित किया था। इससे शिक्षा के स्‍तर में गुणात्‍मक सुधार भी नजर आया था। उस समय प्रदेश में सरकारी इंजीनियरिंग कालेज थे लेकिन उसमें सीटों की संख्‍या सीमित थी। इससे विद्यार्थियों को अभियांत्रिकी के अध्‍ययन के लिए अन्‍यत्र जाना पड़ता था। उनकी सहूलियत के लिए उन्‍होंने निजी इंजीनियरिंग कालेज खोलने की अनुमति दी थी।

कारसेवकों के शुभंचिंतक थे कल्‍याण सिंह

उत्‍तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री डाक्‍टर नरेंद्र कुमार सिंह गौर बताते हैं कि अयोध्‍या में श्रीराम मंदिर को लेकर कारसेवा चल रही थी। उस दौरान कल्‍याण सिंह ने कहा था कि गोली नहीं चलेगी। बिना बल प्रयोग के रोक सकें तो रोक लें। 1991 में जब सरकार बनी तो डाक्‍टर गौर ने कल्‍याण सिंह को बताया कि 1989 में प्रयागराज में तैनात एसएसपी ने कारसेवकों के साथ बर्बरता की थी। इस पर उन्‍होंने तत्‍काल प्रभाव से हटा दिया था।

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