आज पंजाब एवं हरियाणा HC ने कव‍ि कुमार विश्‍वास को दी ये बड़ी राहत….

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब के रूपनगर (रोपड़) में दर्ज मामले में कव‍ि कुमार विश्‍वास की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कुमार विश्‍वास के खिलाफ आम आदमी पार्टी के एक नेता ने दिल्‍लीीके मुख्‍यमंत्री अ‍रविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान देने के आरोप में मामला दर्ज कराया है। आप नेता की शिकायत के आधार पर रूपनगर के एक थाने में एफआइआर दर्ज की गई है। हाई कोर्ट ने एफआइआर पर किसी भी किस्म की कार्रवाई पर भी रोक लगा दी। हाई कोर्ट ने कहा कि एफआइआर राजनीति से प्रेरित लगती है।

हाई कोर्ट ने कहा- राजनीति से प्रेरित लगती है एफआइआर

सोमवार को जस्टिस अनूप चितकारा ने कुमार विश्वास द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एफआइआर को रद किए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर अपना अंतरिम फैसला सुनाया। जस्टिस जितकारा ने कहा कि पूरे मामले को देखने के बाद इस बात से इन्‍कार नहीं किया जा सकता कि याचिकाकर्ता के खिलाफ यह एफआइआर राजनीति से प्रेरित लगती है।

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि जहां लगे कि क़ानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग किया जा रहा है उसमें हाई कोर्ट को दखल देना बेहद जरूरी हो जाता है।  इसके अलावा हाई कोर्ट ने कहा कि कुमार विश्वास का इंटरव्यू 12 फरवरी को सामने आया था, जिसमें उन्होंने दिल्ली के सीएम अरविंंद केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया था। लेकिन, एफआइआर 12 अप्रैल को रोपड़ में दर्ज करवा दी गई ।

हाई कोर्ट ने कहा कि एफआइआर के लिए दी गई शिकायत के मुताबिक इस इंटरव्यू के कारण शिकायतकर्ता पर 10-12 लोगों ने हमला किया था, लेकिन हमला करने वालों में कुमार विश्वास शामिल ही नहीं थे, तो कैसे उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया जा सकता है। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्ट्या इस मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ मामला बनता नजर नहीं आ रहा है।

बता दें कि कुमार विश्वास ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनके खिलाफ 12 अप्रैल को रोपड़ के सदर पुलिस थाने में दर्ज की गई यह एफआइआर कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन कर दर्ज की गई है। कुमार विश्वास ने दायर याचिका में कहा है कि 12 फरवरी को दिए उनके इंटरव्यू को लेकर 12 अप्रैल को उनके खिलाफ यह एफआइआर दर्ज की गई। उन्होंने इंटरव्यू मुंंबई में दिया था, लेकिन एफआइआर पंजाब में रोपड़ में दर्ज कर दी गई, वह भी शिकायत की कोई जांच किए बिना ही।

कुमार विश्‍वास की याचिका में कहा गया है कि 12 अप्रैल को दर्ज इस एफआइआर की कॉपी दस दिनों बाद 22 अप्रैल दोपहर 3 बज कर 20 मिनट में उन्हें दी गई। कुमार विश्वास ने कहा कि यह एफआइआर  उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का न सिर्फ हनन है, बल्कि राजनितिक रंजिश के तहत दर्ज की गई है, ऐसे में इसे रद किया जाए।

बता दें कि आम आदमी पार्टी के रूपनगर के एक नेता ने कुमार विश्‍वास नपर कथित तौर पर आम आदमी पार्टी के कन्‍वीनर और दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ खालिस्‍तानी आतंकियों से संबंध होने को लेकर बयान देने का आरोप लगाया था। पुलिस को दी शिकायत में इस नेता ने कहा था कि कुमार विश्‍वास के इस बयान के कारण आम आदमी पार्टी के नेताओं की छवि प्रभावित हुई है और लोग खालिस्‍तान को लेकर उन पर ताने तक दे रहे हैं।

रूपनगर पुलिस ने इसके बाद कुमार विश्‍वास के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली थी। कांग्रेस की नेता अलका लांबा के खिलाफ भी पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है। पंजाब पुलिस की टीम पिछले दिनों  दिल्‍ली में कुमार विश्‍वास के घर गई थी। इस पर विवाद हुआ तो पंजाब पुलिस ने साफ किया कि पुलिस टीम कुमार विश्‍वास को गिरफ्तार करने के लिए नहीं बल्कि पूछताछ के बुलावे के लिए नोटिस देने गई थी। 

पंजाब के रूपनगर पुलिस की टीम दिल्‍ली में ही कांग्रेस नेता अलका लांबा के घर पर भी पहुंची थी। रूपनगर पुलिस ने कुमार विश्‍वास और अलका लांबा को मामले में पूछताछ और जांच में शामिल होने के लिए 27 अप्रैल को रूपनगर आने का नोटिस दिया। 

इसके बाद कुमार विश्‍वास ने अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर को रद करने की मांग करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इस पर सुनवाई के बाद पिछले दिनों हाई कोर्ट ने सोमवार तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज हाई कोर्ट ने उनको राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। 

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