आज नवरात्रि के दूसरे दिन ऐसे करे मां के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा और करें यह आरती

बीते 7 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि आरम्भ हो चुकी है। कहते हैं नवरात्रि के दौरान मां के 9 रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। अब आज यानी 8 अक्टूबर को नवरात्रि का दूसरा दिन है और इस दिन मां के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। कहते हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को अपने सदैव मिलती है। अब हम आपको बताते हैं माता की कथा और आरती।

मां ब्रह्मचारिणी व्रत कथा – कहा जाता है मां ब्रह्मचारिणी ने राजा हिमालय के घर जन्म लिया था। नारदजी की सलाह पर उन्होंने कठोर तप किया, ताकि वे भगवान शिव को पति स्वरूप में प्राप्त कर सकें। कठोर तप के कारण उनका ब्रह्मचारिणी या तपश्चारिणी नाम पड़ा। कहते हैं भगवान शिव की आराधना के दौरान उन्होंने 1000 वर्ष तक केवल फल-फूल खाए तथा 100 वर्ष तक शाक खाकर जीवित रहीं। उस दौरान कठोर तप से उनका शरीर क्षीण हो गया। वहीं उनका तप देखकर सभी देवता, ऋषि-मुनि अत्यंत प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि आपके जैसा तक कोई नहीं कर सकता है। आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगा। भगवान शिव आपको पति स्वरूप में प्राप्त होंगे।

मां ब्रह्मचारिणी की आरती:
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो ​तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।

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