आज है वैशाख पूर्णिमा ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा… पूरी हो जाएगी मनोकामना

 वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि वर्ष भर की पूर्णिमा तिथियों में श्रेष्ठ मानी जाती है। इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा कल है। वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि विधान से की जाती है। उनकी पूजा करने से भक्तों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, दुख दूर होते हैं, दरिद्रता से मुक्ति मिलती है और उनके धाम बैकुंठ में भी जगह प्राप्त होता है। पूजा से पूर्व स्नान और दान का भी महत्व है। वैशाख पूर्णिमा के दिन किए गए दान का कई गुना फल प्राप्त होता है। आइए जानते हैं ​कि वैशाख पूर्णिमा के दिन पूजा का मुहूर्त, विधि, मंत्र एवं महत्व क्या है?

पंचांग के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा ति​थि कल 06 मई 2020 को रात 07:44 बजे से प्रारंभ हुई। इसका समापन 07 मई 2020 दिन गुरुवार को शाम 04:14 बजे होगा। भगवान विष्णु की पूजा प्रात:काल या सूर्योदय के बाद होगी, ऐसे में वैशाख पूर्णिमा की पूजा 07 मई दिन गुरुवार को की जाएगी।

वैशाख पूर्णिमा का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर मास की पूर्णिमा तिथि को भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। सभी मासों की पूर्णिमा में श्रेष्ठ वैशाख पूर्णिमा भगवान विष्णु को प्रिय है। आज के दिन पूजा करने से भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। सभी संकटों का नाश कर देते हैं।

वैशाख पूर्णिमा की पूजा विधि

वैशाख पूर्णिमा के दिन प्रात:काल घर पर स्नान के जल में गंगाजल मिला लें और स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थान पर पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठ जाएं। अब एक साफ चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें और जल से अभिषेक करें। घी से भरा हुआ पात्र, तिल और शक्कर प्रतिमा के सामने स्थापित करें। फिर उनको पुष्प, अक्षत्, चंदन, तुलसी, पंचामृत, मिठाई, फल आदि अर्पित करें। धूप, दीप और गंध आदि भी चढ़ा दें। तिल के तेल का दीपक जलाएं।

पूजा के दौरान ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का उच्चारण करें। अब आप विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें। अंत में भगवान विष्णु की आरती करें। पूजा समापन के बाद प्रसाद प्रियजनों में वितरित कर दें। शक्कर और तिल दान करें, जिससे आपके अनजाने में किए गए पापों का नाश हो जाए। अंत में आप भी प्रसाद ग्रहण करें।

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