आज हैं साल की अंतिम मासिक शिवरात्रि, ऐसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न
साल की अंतिम मासिक शिवरात्रि 13 दिसंबर को मनाई जाएगी। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव पूजन-अर्चन करने वाले भक्तों पर जल्दी प्रसन्न होते हैं और उन्हें उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस व्रत को रखने वाले उपासकों को अपनी इंद्रियों को नियंत्रण रखने में मदद मिलती है साथ ही क्रोध, ईर्ष्या, अभिमान और लालच जैसी भावनाएं उसके अंदर प्रवेश नहीं कर पाती हैं।
मासिक शिवरात्रि का महत्व
पंडित राकेश पांडेय के अनुसार, हर महीने आने वाली मासिक शिवरात्रि व्रत को प्रभावशाली माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से पूजन-अर्चन करने वाले भक्तों की सभी मनोमनाएं पूरी होती हैं।
इस दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और व्रती की सारी समस्याएं दूर होती हैं। जो कन्याएं मनोवांछित वर पाना चाहती हैं इस व्रत को करने के बाद उन्हें उनकी इच्छा अनुसार वर मिलता है। साथ ही विवाह में आ रही रुकावटें भी दूर होती हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजन विधि
पंडित जोखन पांडेय के अनुसार इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें और फिर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद घर में या किसी मंदिर में जा कर भगवान शिव और उनके परिवार की पूजा करें। शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। भगवान शिव की धूप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें।
शिव पूजा करते समय आप शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें। शाम के समय फलाहार ग्रहण करें। रात्रि जागरण कर भगवान शिव और उनके परिवार के साथ हनुमान जी की उपासना करें। अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद व्रत का पारण करें।