स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए रखें इन बातों का ध्यान

उत्तराखंड में स्वाइन फ्लू से दो लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं। जिसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर मुस्तैदी बरतनी शुरू कर दी है। स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए इनके लक्षणों और अन्य सावधानियों के बारे में जानकारी होना जरूरी है। फ्लू के लक्षण सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी, थकान होना, सिरदर्द और आंखों से पानी आना है। इसके अलावा स्वाइन फ्लू में सांस भी फूलने लगती है। अगर संक्रमण गंभीर है तो बुखार तेज होता जाता है।
स्वाइन फ्लू के कारण
इंफ्लूएंजा-ए वायरस के एक प्रकार एच1 एन1 से स्वाइन फ्लू उत्पन्न होता है। यह वायरस साधारण फ्लू के वायरस की तरह ही फैलता है। स्वाइन फ्लू का वायरस बेहद संक्रामक है और एक इंसान से दूसरे इंसान तक बहुत तेजी से फैलता है। जब कोई खांसता या छींकता है तो छोटी बूंदों में से निकले वायरस कठोर सतह पर आ जाते हैं। यह वायरस 24 घंटे तक जीवित रह सकता है।