लखीमपुर खीरी कांड के जरिये कांग्रेस ने शक्ति प्रदर्शन करके पार्टी का एकजुट चेहरा किया पेश….

लखीमपुर खीरी कांड के जरिये कांग्रेस ने वीरवार को कांग्रेस ने शक्ति प्रदर्शन करके पार्टी का एकजुट चेहरा पेश किया। लखीमपुर खीरी मार्च के लिए नवजोत सिंह सिद्धू ने कमान संभाली और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा व ओपी सोनी सहित कांग्रेस के मंत्री व विधायक मोहाली स्थित एयरपोर्ट चौक पर पहुंचे। यहां से लखीमपुरी खीरी के लिए सिद्धू ने यात्रा शुरू की। इसमें मुख्‍यमंत्री व मत्रियों सहित करीब 42 विधायक पहुंचे। पंजाब में कांग्रेस के कुल 80 विधायक हैं।

इस्तीफा विवाद खत्म कर नवजोत सिद्धू ने संभाली पंजाब कांग्रेस की कमान

वैसे इस दौरान कांग्रेस के लिए स्थिति तब थोड़ी असहज बन गई जब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के पहुंचने से पहले सिद्धू का काफिला आगे बढ़ गया। इसकी वजह से मुख्यमंत्री को भी दौड़ लगानी पड़ी। वह दौड़ कर वह उस ट्राली तक पहुंचे जिस पर सिद्धू सवार थे।

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वीरवार का शक्ति प्रदर्शन कांग्रेस के लिए खासा उत्‍साहजनक रहा। कैप्टन अमरिंदर सिंह के तख्तापलट और फिर नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से डीजीपी व एजी को लेकर प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद पंजाब में कांग्रेस आइसोलेशन में चली गई थी। कैबिनेट मंत्री परगट सिंह और पार्टी के पर्यवेक्षक हरीश चौधरी के प्रयास के बाद अंतत: सिद्धू मान गए। इसके बाद पार्टी के निर्देश पर सिद्धू ने लखीमपुर खीरी कूच करने का फैसला किया।

 

मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्रियों सहित 24 से ज्यादा विधायक पहुंचे

अहम पहलू यह है कि सिद्धू के मार्च के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी रहे कई पूर्व मंत्री व विधायक भी पहुंचे। पूर्व कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, साधू सिंह धर्मसोत और सुंदर शाम अरोड़ा की उपस्थिति ने सभी का ध्यान खींचा। उधर, पार्टी की ओर से लखीमपुर खीरी यात्रा को लेकर सभी विधायकों को मोहाली में पहुंचने के लिए कहा गया था। इसके बावजूद यहां पहुंचे विधायकों की संख्या तीन दर्जन से ज्यादा नहीं हो पाई। परंतु अहम पहलू यह रहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू और उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा एक साथ नजर आए। इससे पहले अपने इस्तीफे के बाद सिद्धू ने चन्नी और रंधावा के साथ दूरी बनाई हुई थी। हालांकि चन्नी, रंधावा और सोनी यात्रा शुरू होने के बाद वापस लौट गए।

 

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वहीं कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, विजय इंदर सिंगला, परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, गुरकीरत कोटली और विधायक कुलजीत नागरा, राजकुमार चब्बेवाल, हरदयाल कंबोज, फतेह जंग बाजवा, सुखपाल भुल्लर, संतोख सिंह भलाईपुर, मदनलाल जलालपुर, सुरजीत धीमान, साधू सिंह धर्मसोत, नाजर सिंह मानशाहिया, बलविंदर सिंह धालीवाल, सतकार कौर, कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान पवन गोयल इस यात्रा में सिद्धू के साथ गए। इस दौरान कुलबीर जीरा, बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा सहित कुछ अन्य विधायक भी मौजूद रहे। कांग्रेस के लिए यह सुखद क्षण था क्योंकि लंबे समय से कांग्रेस में खींचतान चल ही थी और लोगों में पार्टी को लेकर अच्छा संदेश नहीं जा रहा था।

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