जो लोग करते है योग, उनके लिए ये जानना अति आवश्यक

योग करने से आप तन और मन दोनों से स्वस्थ रहते हैं. योग को लेकर भारत के इतिहास में बहुत कुछ लिखा गया है. लेकिन कर्मयोग ऐसा साधन है जिसके जरिए आप हर काम को योग बना लेते हैं. कर्मयोग में शरीर, मन और आत्मा को एकसाथ लाने की कोशिश होती है. योग करने से आपका मन पवित्र होता है और उसपर आपका नियंत्रण रहता है. इसके अलावा निगेटिविटी दूर होगी और शरीर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होगा.

जो लोग करते है योग, उनके लिए ये जानना अति आवश्यक

योग करने से तन और मन स्वस्थ रहेगा
भागम-भाग वाली जिंदगी में खान-पान और रहन-सहन की वजह से तन और मन बुरी तरह प्रभावित होता है. लेकिन योग करने से आप मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे. यह आपके इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करता है जिससे आप बीमार नहीं पड़ेंगे. योग आपके निष्काम कर्म की भावना को जगाता है जिससे आप ज्यादा सामाजिक और बौद्धिक बनते हैं. दरअसल, योग के सभी साधनों द्वारा हार्मोन कंट्रोल रहता है जिसकी वजह से आपका अपने ऊपर नियंत्रण बना रहता है.

मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाने के लिए जरूरी
आप जो काम करते हैं और आप जो सोचते हैं उसमें संतुलन के लिए कर्मयोग बहुत जरूरी होता है. जिस काम को आप अपने दिल से करते हैं, उससे आपको खुशी मिलती है. उस काम को करने के दौरान आप नहीं सोचते हैं कि कोई आपके बारे में क्या सोच रहा है, आपको वह काम करना भी आसान लगता है. इसे कर्मयोग कहते हैं.

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कर्मयोग का मकसद हर काम को योग की तरह करना है. इसके लिए मन पर नियंत्रण बहुत जरूरी होता है, क्योंकि मन पर नियंत्रण रखना बहुत कठिन होता है. मन पर नियंत्रण के लिए योग का सहारा लिया जाता है. मन पर नियंत्रण कैसे रखा जाए इसके लिए कुछ योग आसन को रोजाना करने की जरूरत है.

  • दिमाग पर नियंत्रण रखने के लिए गहरी सांस लें. धीरे-धीरे गहरी सांस लें, कुछ देर तक उसे रोक कर रखें फिर धीरे-धीरे छोड़ दें. इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराने से दिमाग को सुकून मिलेगा. साथ ही, निगेटिव एनर्जी और निगेटिव बातें दिमाग से निकल जाएगी. ईर्ष्या, घमंड, कामुकता समेत निगेटिव इमोशन धीरे-धीरे कम हो जाएगा.
  • सामाजिक कार्यों में हाथ बंटाने से कर्मयोग का विस्तार होता है. यह आपमें पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ाता है साथ ही निगेटिव इमोशन्स को कम करता है.
  • आप जो भी काम करें उसे योग की तरह करें, नतीजे क्या होंगे इसके बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचें. निष्काम कर्म करने से कर्मयोग बढ़ता है.
 
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