शिवलिंग पर चढ़ी ये चीज रोजाना करें इस्तेमाल, हर क्षेत्र में मिलेगी सफलता

वैशाख कृष्ण द्वितीया पर स्वाति नक्षत्र, गजकरण व हर्षण योग है। चंद्र के दूसरी कला द्वितीया तिथि के अमृत कृष्ण पक्ष में स्वयं सूर्य पी कर स्वयं को ऊर्जावान रखते हैं व शुक्ल पक्ष में पुनः चंद्र को लौटा देते हैं। 

शिवलिंग

आज के योगयोग के करण परमेश्वर शिव के सोमनाथ स्वरूप का व्रत, पूजन व उपाय करना श्रेष्ठ रहेगा। द्वादश ज्योतिर्लिंगों के सारणी में सोमनाथ या सोमेश्वर पहला ज्योतिर्लिंग है। चंद्रमा के एक नाम सोम भी है। पौराणिक मतानुसार चंद्रमा प्रजापति दक्ष के दामाद हैं। शिव पुराण अनुसार चंद्रमा का विवाह प्रजापति दक्ष की सत्ताइस पुत्रियों से हुआ था यानी सोम का विवाह शिव पत्नी देवी की सत्ताइस बहनों से हुआ था। 

भगवान शिव

परंतु चंद्र सभी पत्नियों में से रोहिणी को अधिक प्रेम करते थे। इसी कारण बाकी दक्ष पुत्रियों के दुखी होने से दक्ष प्रजापति ने चंद्रदेव को शापित कर दिया। दक्ष ने उन्हें श्राप दिया कि चंद्रमा का प्रकाश दिन-प्रतिदिन धूमिल होता जाएगा व चंद्रमा क्षयरोग से पीड़ित होंगे। ग्रसित चंद्रदेव ने सरस्वती के मुहाने प्रभास क्षेत्र में समुद्र में स्नान कर महादेव की उपासना की जिससे उनका क्षयरोग दूर हुआ और महादेव ने चंद्रदेव को अपने मस्तक पर जगह दी इसी कारण शिवशंकर चंद्रशेखर कहलाए। 

भगवान शिव

उसी सरस्वती के मुहाने प्रभास क्षेत्र मे सोमेश्वर ज्योतिर्लिंग विद्धमान है। अतः चंदमा महादेव से मस्तक व ह्रदय में निवास करते हैं। आज के दिन भगवान चंद्रशेखर अर्थात सोमेश्वर के विशेष पूजन व्रत व उपाय से अपना घर खरीदने का सपना पूरा होता है, स्टूडेंट्स को परीक्षा में सफलता मिलती है व डिप्रेशन से मुक्ति मिलती है।

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भगवान शिव

पूजन विधि: सफेद शिवलिंग का दूध से अभिषेक करके उसका दशोंपचार पूजन करें। गौघृत का दीप करें, चंदन से धूप करें, बिल्वपत्र और सफेद कनेर के फूल चढ़ाएं, चंदन से तिलक करें, पेड़े भोग लगाएं, तथा 1 माला इस विशिष्ट मंत्र जपें। पूजन के बाद भोग कन्या को खिलाएं।

 

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