किताबों के पन्नो में लिखी जाएगी, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की ये बड़ी जीत

इंडियन क्रिकेट टीम ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. ब्रिस्बेन के गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हरा कर टीम इंडिया ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज 2-1 से जीत बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम कर ली थी. हांलाकि ये जीत इतनी आसान नहीं दिख रही थी, क्योंकि टीम के कई महत्वपूर्ण खिलाड़ी घायल हो गए थे. अजिंक्य रहाणे की अगुवाई में ब्रिस्बेन के गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को 32 साल के बाद कोई हार मिली. भारत की इस शानदार जीत की खबर सोशल मीडिया पर छा गई. कई लोगों ने इस जीत को लेकर डॉक्यूमेंट्री बनाने की भी सलाह दी हांलाकि किसी ने अभी तक इस जीत पर डॉक्यूमेंट्री बनाने की पहल नहीं की है.

फिल्म ‘मिर्ज्या’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस सैयामी खेर ने ऑस्ट्रेलिया की शानदार जीत पर एक किताब लिखने का फैसला किया है. सैयामी एक स्पोर्ट्सपर्सन भी हैं, वो महिला क्रिकेट टीम के लिए खेलना चाहती थीं लेकिन उनका सेलेक्शन नहीं हुआ और वो फिल्मों में आ गईं.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सैयामी ने कहा कि अभी भी वो ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत को जी रही हैं. क्रिकेट प्रेमी होने और इस जीत की गवाह होने के नाते मुझे लगता है कि मैं एक शानदार किताब लिखूंगी. जिस मैच में 11 फिट खिलाड़ी मिलने मुश्किल थे, फिर भी सीरीज जीत ली जाए. ये किसी आश्चर्य से कम नहीं है. किसी को विश्वास नहीं था इतनी मुश्किल से जूझते हुए भी ये टीम इन शानदार विजय हासिल कर लेगी, लेकिन टीम इंडिया ने कर दिखाया. इसी बात ने मुझे सबसे ज्यादा अपील की है कि मुझे इस जीत पर एक किताब लिखनी चाहिए

सैयामी बताती हैं कि अंतिम क्षण तक हार नहीं मानने वाली सोच ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया है. स्पोर्ट्स मेरे लिए बहुत मायने रखता है. यहां तक कि मेरे एक्टिंग करियर में भी बहुत सहायक है. जब भी मैं परेशान होती हूं तो खेल से ही प्रेरणा लेती हूं. जब 2016 में फिल्म ‘मिर्ज्या’ सफल नहीं रही तो मैं मैराथन में दौड़ने चली गई. स्पोर्ट्स हर बार आपको गिरने के बाद उठना सिखाता है. खुद पर भरोसा करना सिखाता है. मैं इस किताब में जीतने हारने के हर क्षण को लिखने को लेकर काफी उत्साहित और भावुक भी हूं. ये एक शानदार मानवीय कहानी होगी.


स्पोर्ट्स बैकग्राउंड होने की वजह से सैयामी ने अपने कुछ करीबी क्रिकेटर दोस्तों से इस बारे में बात भी की है, जो इस टीम में थे. उनके ही शब्दों में उनके अनुभव इस किताब का मुख्य आकर्षण होगा.अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, शार्दुल ठाकुर, मयंक अग्रवाल, आर अश्विन, वाशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों का अनुभव इस किताब में होगा. सैयामी हर्षा भोगले से भी बात करेंगी.

क्रिकेट को पुरुष प्रधान खेल माना जाता है. सैयामी बताती हैं कि क्रिकेट खेलने और लिखने पर पुरुषों का ही दबदबा है, लेकिन हमारी भारतीय महिला क्रिकेट टीम बहुत अच्छा खेल रही है और हालात धीरे-धीरे बदल रहे है. सैयामी अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताती हैं कि सामान्य तौर पर लोगों को लगता है कि एक लड़की क्रिकेट के बारे में क्या जानती होगी लेकिन जब वो मुझे क्रिकेट पर बोलते हुए सुनते हैं तो प्रभावित हुए बिना नहीं रहते.

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