पाना चाहते हैं मनचाहा जीवनसाथी तो करें ये छोटा सा उपाय, यकीन तो आजमा लीजिए

हिंदू ज्योतिष के अनुसार आकाश में 27 नक्षत्र मौजूद होते हैं। पुनर्वसु इन 27 नक्षत्रों में से सांतवां नक्षत्र माना जाता है। इसमें दो दीप्तिमान तारे हैं जो मिथुन नक्षत्र मंडल में आते हैं जिन्हें कैस्टर और पॉल्लक्स कहा जाता है। इस नक्षत्र के बारे में समझने से पहले इसका अर्थ जान लेते हैं।

पुनर्वसु का अर्थ
वसु को उप देवताओं के समान माना जाता है और वसु खुद में ही शुभता, उदारता, धन और सौभाग्य का स्वामी है। पुनर्वसु नक्षत्र का अर्थ है- पुन: सौभाग्यशाली होना। कुल मिलाकर कहा जाए तो यह नक्षत्र सौभाग्य और शुभता का सूचक होता है।

ज्योतिषानुसार पुनर्वसु नक्षत्र की राशि मिथुन है और मिथुन राशि का स्वामी है बुध। मगर पुनर्वसु नक्षत्र के स्वामी बृहस्पति को माना जाता है। अब आपको बताएंगे कि इनके स्वामी की पूजा करने से, नीचे दिए गए उपाय करने से आपको धन प्राप्ति होती है और साथ ही आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

होगी धन की प्राप्ति
अगर आप चाहते हैं कि आपको धन के भंडार हमेशा भरे रहें, आय में बढोत्तरी होती रहे तो इसके लिए आप पुनर्वसु नक्षत्र में गुरु से संबंधित वस्तु का दान करें। आप विष्णु मन्दिर में जाकर 200 ग्राम हल्दी, चने की दाल या केसर आदि का दान कर सकते हैं। आपको धन की प्राप्ति होगी।

अगर घर में है मुश्किलों का साया
अगर आप मुश्किल दौर से गुजर रहे है या फिर आपके आर्थिक कार्यों में रुकावटें आ रही है तो इसके दूर करने के लिए आप पुनर्वसु नक्षत्र में तांबे का एक सिक्का लें और बहते जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से आपकी स्थिति में सुधार होगा।

करना चाहते हैं लव मैरिज
यदि आपका मनचाहा वर या वधू प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं, या फिर प्रेम विवाह में किसी भी प्रकार की अड़चन आ रही है। इसके अलावा आपकी कन्या के विवाह से संबंधित कोई परेशानी है तो पुनर्वसु नक्षत्र में श्री विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर के आगे आसन पर बैठकर “ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का एक माला जाप करें और अगर संभव हो तो स्फटिक की माला से जाप करें। जाप के बाद भगवान को भूने हुए आटे में पिसी हुई शक्कर का भोग लगाएं। आपका मनचाहा जीवन साथी आपको मिलेगा साथ ही सारी अड़चनें दूर हो जाएंगी।

अगर डिप्रेशन से हैं परेशान
कभी कभी ऐसा होता है कि किसी भी बात को लेकर हमारा मन अशांत होता है या कोई बात हमें अंदर ही अंदर खाती रहती है। अगर आपके मन में किसी भी तरीके का तनाव है तो इसके लिए आप पुनर्वसु नक्षत्र में बृहस्पति का मंत्र जाप करें। मंत्र हैं “ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: बृहस्पतये नम:”। इस मंत्र का 11 बार जाप करें, आपके मन को शांति मिलेगी और आप तनावरहित रहेंगे।

बिजनेस में घाटा
अगर आपको बिजनेस से लेकर समस्याएं हैं, बिजनेस में अधिक बिक्री नहीं हो पा रही है या घाटा चल रहा है तो इसके लिए पुनर्वसु नक्षत्र में घर के आस-पास किसी विष्णु मन्दिर में जाकर या घर पर ही श्री विष्णु की प्रतिमा के आगे बैठकर “ॐ नमो नारायणाय” मंत्र की एक माला का जाप करें । जाप के बाद अंजुलि में पीले फूल लेकर भगवान को अर्पित करें। आपका बिजनेस अच्छा चलने लगेगा।

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