व्यवसाय में लाभ के लाभ के लिए जरूर अपनाए ये आसान उपाय…

अपनी दूकान या फर्म या कोई भी व्यवसाय में यदि आशाजनक लाभ नही मिल रहा है, अथवा कार्य तो ठीक चल रहा है लेकिन बिना कारण के धन का दुरूपयोग हो जाता है या हानि का सामना करना पडता है तो हमारे महापुरुषों ने और ज्योतिष शास्त्र में बहुत से उपाय सुझाए है, सबसे पहले ज्योतिष द्वारा उसे समाधान करें यदि फिर भी सफलता नहीं मिल रही है तो यह उपाय को श्रद्धा व् विशवास से करें तो आशातीत लाभ प्राप्त होगा..

सबसे पहले जब दूकान या व्यापार आरम्भ किया जाता है तो एक चांदी की कटोरी में धनियां रखकर उसमें चांदी के ही श्री लक्ष्मी जी और श्री गणेश जी को स्थापित करते है।  तथा इसे दूकान या ऑफिस में पूर्व दिशा की ओर मुंह करके रखा जाता है। प्रतिदिन दूकान अथवा ऑफिस खोलते समय पांच अगरबत्तियां जलाने से व्यापार का लाभ बढने लगता है।

यदि दूकान आदि व्यवसाय क्षेत्र में ग्राहक नहीं आ रहे है तो आप मिटटी के चार पात्र (हंडिया) लेकर उनमे एक में जौ, दूसरे में काले तिल, तीसरे पात्र में साबुत हरे मूंग और चौथे पात्र में पीली सरसों भर कर रख दें ये चारों साल भर के लिए रखे जाते है फिर साल बाद उन्हें चलते पानी में विसर्जन कर दिया जाता है इस प्रकार करते रहने से ग्राहक आपकी दूकान के प्रति आकर्षित हो जायेंगे।

अपने व्यवसाय अथवा दूकान की वृद्धि के लिए एक लोहे के कील में, काले धागे में सात हरी अखंडित मिर्च और एक बेदाग़ नींबू प्रातः मंगलवार या शनिवार बांधा जाता है।  ध्यान रहे यह हरी मिर्च और नींबू दुकानदार की पत्नी या बेटी के द्वारा ही बनाया जाये तो लाभदायक रहेगा, बना बनाया मिलने वाला कोई लाभ नहीं देता अथवा कुल पुरोहित भी बना सकता है।

यदि स्थिति बहुत ही चिंताजनक है अर्थात व्यवसाय बिलकुल ही ठप्प सा हो गया है तो प्रतिदिन घर से निकलते समय निम्न उपाय करें..

  • रविवार को पान खाकर दूकान या ऑफिस खोलना चाहिए यदि आप पान नहीं खाते है तो एक पान का पत्ता साथ में ले जाना चहिये शाम को उसे किसी मंदिर में अर्पण कर दें। 
  • सोमवार को घर से निकलते समय दर्पण अवश्य देख कर निकले। 
  • मंगलवार को गुड़ खा कर घर से निकलना चाहिए। 
  • बुधवार को धनियां चबाते हुए जाना चाहियें। 
  • वृहस्पतिवार को जीरा खाकर घर से निकलना चाहिए। 
  • शुक्रवार को दही खाकर दूकान खोलनी चाहिए। 
  • शनिवार को अदरक खाकर घर से निकलना शुभ होता है। 
  • दूकान या ऑफिस में हमेशा दाहिने पैर से ही प्रवेश करें और घर आते समय बांये पैर से ही दूकान से चलना चाहिए। 
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