माता लक्ष्मी के इन मंत्राें का प्रतिदिन करें जाप, जल्द हो जाएगे धनवान

अगर आप चाहते हैं, की आपको भगवान कुबेर की कृपा प्राप्त हो और आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं हो तो आप इन आठ मंत्रों का जाप करें। इन मंत्रों का जाप शुद्ध होकर पूरी श्रद्धा से करना चाहिए। अगर आपके अंदर छल, कपट, क्रोध जैसे दुगुर्ण हैं तो उनका त्याग कर दें, क्योंकि इन दुर्गुणों के होने से ये मंत्र कारगर सिद्ध नहीं होते हैं। अतः बालक के समान निश्छल मन लेकर इन मंत्रों का जाप करें। बता दें, कि शास्त्रों में महालक्ष्मी के आठ स्वरुपों का वर्णन मिलता है। माता लक्ष्मी के ये आठ स्वरुप जीवन की आधारशिला है। अगर व्यक्ति माता लक्ष्मी के इन आठ स्वरूपों की पूजा करता है तो उसे कभी भी किसी चीज की कमी नहीं रहती है।  

श्री आदि लक्ष्मी: शास्त्रों के अनुसार श्री आदि लक्ष्मी जीवन के प्रारंभ और आयु को संबोधित करती हैं तथा इनका मूल मंत्र ॐ श्रीं है। 

श्री धान्य लक्ष्मी: श्री धान्य लक्ष्मी जीवन में धन और धान्य को संबोधित करती हैं तथा इनका मूल मंत्र ॐ श्रीं क्लीं है। 

श्री धैर्य लक्ष्मी: श्री धैर्य लक्ष्मी जीवन में आत्मबल और धैर्य को संबोधित करती हैं तथा इनका मूल मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं है। 

श्री गज लक्ष्मी: श्री गज लक्ष्मी जीवन में स्वास्थ्य और बल को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं है। 

श्री संतान लक्ष्मी: श्री संतान लक्ष्मी का ये रूप व्यक्ति को जीवन में परिवार और संतान को संबोधित करता है तथा इनका मूल मंत्र ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं है। 

श्री विजय लक्ष्मी: श्री विजय लक्ष्मी जीवन में जीत और वर्चस्व को संबोधित करती हैं तथा इनका मूल मंत्र ॐ क्लीं ॐ है। 

श्री विद्या लक्ष्मी: श्री विद्या लक्ष्मी जीवन में बुद्धि और ज्ञान को संबोधित करती हैं तथा इनका मूल मंत्र ॐ ऐं ॐ है।

 श्री ऐश्वर्य लक्ष्मी: ये जीवन में प्रणय और भोग को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है ॐ श्रीं श्रीं।

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